क्या आपको पता है आपके क्रेडिट स्कोर के आधार पर बैंक आपके होम लोन इंटरेस्ट तय कर रहे हैं। जी हां, अब ऐसी शुरुआत हो गई है, अगर आपका क्रेडिट स्कोर अच्छा है तो आपको होम लोन पर कम ब्याज दर चुकाना होगा, वहीं अगर आपका क्रेडिट स्कोर या सिबिल स्कोर खराब है तो आपको मिलने वाले होम लोन का इंटरेस्ट भी ज्यादा देना होगा।

तीन सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया और सिंडिकेट बैंक ने पहले ही एक्सटर्नल बेंचमार्क-लिंक्ड ब्याज दरों की शुरुआत कर दी है, ये बैंक नए होम लोन के लिए क्रेडिट स्कोर का उपयोग करेंगे। बैंक ऑफ बड़ौदा 760 से ज्यादा (पूरे 900 में से) का सिबिल स्कोर रखने वाले ग्राहकों को 8.1% की ब्याज दर से होम लोन ऑफर कर रहा है। 725 और 759 के बीच सिबिल स्कोर रखने वाले ग्राहकों को 8.35% की दर से होम लोन मिलेगा। 675 से 724 का सिबिल स्कोर रखने वाले ग्राहकों को होम लोन पर 9.10% का भुगतान करना होगा।

बैंक ऑफ बड़ौदा में ये फ्लोटिंग-रेट लोन रेपो रेट से जुड़े हैं और ब्याज दर लोन की मात्रा या अवधि पर निर्भर नहीं करेगी। सभी तीन बैंक लोन देने के लिए क्रेडिट स्कोर का इस्तेमाल करेंगे। क्रेडिट स्कोर का महत्व केवल लोन अप्रूवल के समय ही नहीं है, बल्कि यह पूरे लोन टेन्योर के समय काम आता है। अगर आप 25 साल के लिए 50 लाख रुपये के होम लोन पर 100 आधार अंकों की उच्च दर का भुगतान करते हैं, तो आपकी ईएमआई 3,380 रुपये बढ़ जाएगी और 25 वर्षों की अवधि में आप इस कर्ज पर 10 लाख रुपये का अतिरिक्त भुगतान करेंगे। इसलिए हाई क्रेडिट स्कोर बनाए रखना जरूरी है।

क्रेडिट स्कोर में बदलाव पर आपके लोन पर ब्याज दर अलग-अलग हो सकती है। अगर एक साल बाद उधारकर्ता अपने क्रेडिट स्कोर में सुधार करता है, तो उसका प्रीमियम कम हो जाएगा। इसके उलट अगर उधारकर्ता का क्रेडिट स्कोर 760 से नीचे चला जाता है, तो ब्याज ज्यादा देना होगा। अगर किसी उधारकर्ता का सिबिल स्कोर 50 अंक से ज्यादा गिर जाता है तो सिंडिकेट बैंक ने प्रीमियम को बढ़ाने का फैसला किया है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया 700 से नीचे के क्रेडिट स्कोर वाले ग्राहकों के लिए 10 आधार अंक अधिक ब्याज लेगा। बता दें कि सिबिल स्कोर 300 से 900 तक होता है, जिसमें 900 हाई लेवल का स्कोर माना जाता है और 300 सबसे कम माना जाता है।