शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम):  खरीफ फसल को मध्यनजर कृषि विभाग द्वारा शिमला जिला में करीब तीन सौ  क्ंिवटल उन्न्त किस्म के मक्की, बाजरा, चारा और सब्जियों के बीज  किसानों को उपलब्ध करवाने का लक्ष्य रखा गया है परंतु लॉकडाउन के कारण जुन्गा क्षेत्र की दूरदराज पंचायतों के  किसानों को कृषि विभाग के विक्रय केंद्रों तक पहूंचने में बहुत दिक्कत पेश आ रही है । दूसरी ओर विभाग के पास फील्ड में बीज भेजने की भी कोई व्यवस्था नहीं है ताकि किसान घर द्वार पर उन्नत किस्म के प्रमाणित बीज प्राप्त कर सके । किसानों ने सरकार से मांग की है कि लॉकडाउन को देखते हुए किसानों को पंचायत स्तर पर बीज उपलब्ध करवाए जाएंे ।
उप निदेशक कृषि विभाग शिमला डॉ0 मोहिन्द्र सिंह ने बताया कि किसानों को 50 प्रतिशत अनुदान  पर बीज उपलब्ध करवाए जा रहे हैं जिनमें 133 क्ंिवटल मक्की, 190 क्ंिवटल चारा, 50 क्ंिवटल बाजरा, साढ़े चार क्ंिवटल फ्रांसबीन, 115 किलो पालक और साढ़े पांच किलोग्राम टमाटर का बीज शामिल है । बता दें कि मशोबरा ब्लॉक के अधिकांश गांव में   किसानों द्वारा मक्की की फसल के अतिरिक्त टमाटर, शिमला मिर्च, मटर इत्यादि नकदी फसलें उगाई जाती है । डॉ0 मोहिन्द्र सिंह ने बताया कि मक्की की बी-52 किस्म और के-25 को  अनुदान पर क्रमशः 60 और  44 रूपये  प्रतिकिलो की दर से  उपलब्ध करवाया जा रहा है । जबकि 190 क्ंिवटल चारा को 24 रूपये, 50 क्ंिवटल बाजरा को अनुदान पर 44 रूपये प्रतिकिलोग्राम उपलब्ध करवाया जा रहा है ।
उन्होने बताया कि टमाटर लालसोना के बीज की  मार्किट में कीमत 19 हजार प्रतिग्राम है परंतु सरकार द्वारा इसे उपदान  पर  साढ़े 9 हजार रूपये प्रतिकिलोग्राम,  बीन कंटेंडर बीज को चार सौ रूपये, बीन अरका कोमल को 175 रूपये तथा बीन कोमल बीज को तीन सौ रूपये प्रतिग्राम उपदान पर उपलब्ध करवाया जा रहा है ।  इनका कहना है कि विभाग में कृषि प्रसार अधिकारियों के काफी पद रिक्त पड़े जिस कारण कृषि विभाग की गतिविधियों को दूरदराज गांव में पहूंचाने में कठिनाई पेश आ रही है । उन्होने कहा कि इस वर्ष बारिशें काफी हो रही है जिसके चलते इस बार खरीफ की फसल अच्छे होने के आसार हैं ।