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लखनऊ ,। कोरोना के चलते जहां-तहाँ फंसे लोगो के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई है । वही मंगलवार राजधानी में जनता कर्फ्यू के दौरान रोडवेज और एयरपोर्ट प्रशासन की लापरवाही के चलते 500 के करीब लोग विभिन्न लोग राजधानी में प्रवेश कर गए थे । वही राजधानी में परिवहन सेवाओं के बंद होने के चलते अपने गंतव्य को नहीं जा पा रहे थे । जिससे अमौसी एयरपोर्ट और चारबाग बस स्टेशन पर लोगों का जमावड़ा लग गया था वही तरुणमित्र अखबार की टीम द्वारा मामला उठाते ही जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों में हडक़ंप मच गया मामला संज्ञान में आते ही पुलिस कमिशनर सुजीत पांडेय ने आपात सहायता 112 के एडीजी असीम अरुण एवं अन्य जिले को जाने वाले लोगो के लिए जिले के पुलिस अधीक्षकों से संबंध स्थापित कर पुलिस आपात सहायता 112 की पीआरवी द्वारा लोगो को उनके गंतव्य तक पहुंचाने की अपील की गई जिसके बाद पुलिस की पीआरवी गाडिय़ों ने लोगों को उनके गंतव्य तक पहुँचाया गया ।
गौर हो कि मंगलवार को तडक़े तीन बजे नोयडा में बस अड्डे पहुंचे यात्रियों को यूपीएसआरटीसी प्रशासन ने अन्य में जिलों में जाने वाले लोगों को राजधानी में बस की व्यवस्था कराये जाने का हवाला देकर लोगों को बस पर बैठा दिया था वही इस बीच घरेलू उड़ानों के चलते लगभग 500 से अधिक लोग राजधानी में प्रवेश कर गए थे। जिनमे 50 लोग गोंडा जिले के थे जबकि अन्य अम्बेडकरनगर ,बलरामपुर ,सुल्तानपुर के थे । बस स्पार चढ़े प्रत्येक पैसेंजर का गौतमबुद्धनगर से राजधानी के आलमबाग बस अड्डे तक एक टिकट कटा गया वही उन्हें उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए नोएडा यूपीएसआरटीसी प्रशासन ने आश्वासन दे किसी तरह बस अड्डे से यूपी 14 एचटी 3378 व यूपी 15 एफटी 0953 बसों से राजधानी के चारबाग बस अड्डे लाकर उतार दिया गया था । जहां लगभग 150 यात्रियों का जमावड़ा लग गया था उनके पास न तो मास्क था और न ही सैनेटाइजर ऐसे में लोगों के राजधानी में प्रवेश से रोडवेज प्रशासन पर सवाल खड़ा कर दिए थे । वही बंदी के चलते सभी यात्री खाना और पानी के लिए भी तरस गए थे ।
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