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शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): वायरल ऑडियो को सरकार और भाजपा के खिलाफ सियासी तौर पर बड़ा झटका माना जा रहा है। इस मैडिकल घोटाले में बुरी तरह घिर रही भाजपा सरकार पर भ्रष्टाचार के मसले पर कांग्रेस ने घेराबंदी शुरू कर दी है। अखिल भारतीय असंगठित कामगार कांग्रेस राज्य महामंत्री व वरिष्ठ उपाध्यक्ष हिप्र इंटक राजीव राणा ने मामले की जांच सेवा निवृत न्यायाधीश के आयोग को बैठाकर करवाए जाने की वकालत की है। उन्होंने अंदेशा जताया कि सरकार अपने नेता को बचाने के लिए जांच को प्रभावित करवा सकती है।

 

उन्होंने कहा कि आज विजिलेंस और सीबीआई विभाग की कार्यप्रणाली और न्यायिक जांच से जनता पुरी तरह वाकिफ है, अतएव मामले की जांच किसी स्वतन्त्र एजेंसी या सेवानिवृत न्यायाधीश के अंतर्गत एक आयोग गठन से करवानी ही समय की मांग है। राणा ने कहा कि वायरल ऑडियो में कथित तौर पर विभाग द्वारा सस्पेंड निदेशक की बातचीत में दस लाख रुपये के लेन-देन की बात सामने आई थी। जिसके बाद विजिलेंस के समक्ष निदेशक अजय कुमार गुप्ता ने बातचीत किए जाने की बात भी स्वीकार की है।

 

उन्होंने कहा कि सारे घटनाक्रम में एक भाजपा नेता की संलिप्तता की बात सामने आई है। जिसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। उन्होंने भाजपा और सरकार से स्पष्टीकरण माँगते हुए कहा कि भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरे इस भाजपा नेता का नाम उजागर किया जाए। साथ ही उसके खिलाफ मामला दर्ज किया जाए। उन्होंने कहा कि मेडीकल घोटाला इस बात को इंगित करता है कि स्वास्थ्य विभाग को स्वयं देख रहे मुख्यमंत्री को आज तक इस प्रकार के भ्रष्टाचार की भनक तक नहीं पड़ी। राणा ने कहा कि आज भाजपा राज में राज्य में बिजली का बिल बढ़ गया है।

 

 

राशन दुकान में अव्यवस्था है। महिला की सुरक्षा ताक पर है। युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। किसान परेशान है। राणा ने कहा कि सरकार की कमीशन खोरी और भ्रष्टाचार उजागर हो चुके है। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा कि भाजपा सरकार को सत्ता में रहने का कोई हक़ नहीं है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा इस्तीफा न दिए जाने की सूरत में लॉक डाउन व्यवस्था बहाल होते ही मामला भाजपा और सरकार के लिए गले की फांस साबित होगा।