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शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): कोविड-19 वैश्विक महामारी ने देश और प्रदेश की अर्थव्यवस्था के लिए बड़ी चुनौतियां प्रस्तुत की है, परन्तु इसके साथ-2 विकास परियोजनाओं के नियोजन और पुनर्विचार के लिए भी चुनौतियां दी हैं। यह समय है चुनौतियों को अवसरों में बदलने का, क्योंकि भविष्य चुनौतियों को अवसर में बदलने से बेहतर भविष्य बनाने का निर्माण होता हैं। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में केंद्र सरकार द्वारा घोषित 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज ‘आत्म निर्भार भारत’ के बारे में प्रशासनिक सचिवों के साथ बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित आर्थिक सुधार पैकेज इस दिशा में एक नया कदम होने के अलावा स्वयं आत्मनिर्भर बनने और भारत को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास है। उन्होंने कहा कि कोविड के उपरान्त की परिस्थितियों में भारत निवेश के लिए एक पसंदीदा गंतव्य हो सकता है, लेकिन आवश्यकता केवल उपलब्ध संभावित क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने की है। उन्होंने कहा कि इस संबंध में अर्थ-व्यवस्था के सभी क्षेत्रों में शीघ्र ही आवश्यक कदम उठाने की जरूरत है।

जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा घोषित यह पैकेज समाज के कमजोर वर्गों, मध्यम, छोटे और सूक्ष्म उद्योगों, उद्यमियों, मजदूरों और आम लोगों के लिए एक वरदान साबित होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित 50 हजार करोड़ रुपये से मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्यमों (एमएसएमई) के लिए आवश्यक धन (तरलता) की उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि राज्य की 55,000 औद्योगिक इकाइयों में से 98 प्रतिशत से अधिक इस श्रेणी में आती हैं, इसलिए इस घोषणा से राज्य का औद्योगिक क्षेत्र काफी लाभान्वित होगें। उन्होंने कहा कि कुछ बड़ी इकाइयां मध्यम स्तर की श्रेणी में भी हैं, जिस कारण वे राज्य और केंद्र के एमएसएमई लाभों के लिए पात्र होंगी। उन्होंने कहा कि यह पैकेज एक मजबूत और आत्मनिर्भर भारत की नींव रखने में कारगर साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि 10,000 करोड़ रुपये को सूक्ष्म खाद्य उद्यमों के लिए दिया गया है, जिसके तहत दो लाख ऐसे उद्यमों को क्लस्टर आधारित दृष्टिकोण अपनाकर सहायता प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि इससे किसानों को मटर, पारंपरिक बाजरा, अदरक, लहसुन, दालें, हल्दी, लाल चावल आदि उगाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि राज्य के अधिकारियों को अग्रसक्रिय दृष्टिकोण अपनाना होगा ताकि प्रदेश को इस परियोजना के तहत केंद्र से पर्याप्त धनराशि प्राप्त हो सके।जय राम ठाकुर ने कहा कि आर्थिक पैकेज से एमएसएमई क्षेत्र, पर्यटन, श्रम कल्याण, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, आवास क्षेत्र, प्रवासी मजदूरों, रोजगार सृजन और कृषि, बागवानी और पशुपालन जैसे क्षेत्रों पर बहुत प्रभाव पड़ेगा।

 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने स्वयं कोविड-19 महामारी के दृष्टिगत आम लोगों की समस्याओं को कम करने और सुलझाने के लिए भी कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने अब तक 850 से 1500 की सीमा में पात्र व्यक्तियों को 217 करोड़ रुपये अग्रिम सामाजिक सुरक्षा पेंशन के रूप में जारी किए हैं, जिससे प्रदेश के लगभग 5.69 लाख लाभार्थी लाभान्वित हुए हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूर्व में घोषित प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ईपीएफ से संबंधित लाभ प्रदान किया जाना था, जो पहले    3 महीने के लिए तय किया गया था जो अब 6 महीने के लिए प्रदान किया जाएगा।

जय राम ठाकुर  ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा कृषि और संबद्ध क्षेत्र के लिए घोषित 1.63 लाख करोड़ रुपये से अधिक का पैकेज घोषित किया है, जिसका उपयोग प्रशासनिक सुधार और सुशासन के अलावा अन्य प्रणालियों की आपूर्ति श्रृंखला, भंडारण और स्थापना पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सभी फलों और सब्जी उत्पादकों के लिए ‘आॅपरेशन ग्रीन्स’ का विस्तार करने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग को टमाटर, प्याज और आलू के अलावा फलों और सब्जियों के लिए एक कार्य योजना तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों को लाभान्वित करने के लिए प्रभावी मूल्य श्रृंखला बनाई जानी चाहिए।मुख्यमंत्री ने केंद्रीय वित्त मंत्री द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज के चैथे हिस्से का स्वागत किया। जिसमें कोयला, खनिज, रक्षा उत्पादों, नागरिक उड्डयन, सामाजिक बुनियादी ढांचे जैसे क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधारों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा कि ये कदम देश की अर्थव्यवस्था में परिवर्तन लाने में सहायक सिद्व होंगे।

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक सुधार पैकेज से राज्य के तीव्र औद्योगिकीकरण में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इसका पूरा लाभ उठाने के लिए सामुहिक प्रयासों की जरूरत है।इस अवसर पर प्रधान सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना ने ‘आत्मनिर्भर भारत’ पर प्रस्तुती दी।अतिरिक्त मुख्य सचिव वन एवं बिजली राम सुभग सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रम एवं रोजगार निशा सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव पशुपालन संजय गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग मनोज कुमार, अतिरिक्त मुख्य सचिव पर्यटन एवं स्वास्थ्य आर.डी. धीमान, प्रधान सचिव कृषि ओंकार चन्द शर्मा, सचिव शहरी विकास रजनीश, सचिव ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज डाॅ. आर.एन. बत्ता और सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति अमिताभ अवस्थी ने अपने विभागों से सम्बंधित प्रस्तुतियां दी।योजना सलाहकार डाॅ. बसु सूद ने बैठक की कार्यवाही का संचालन किया।शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज, मुख्य सचिव अनिल खाची, सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थि थे।