शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर ने प्रदेश के सभी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन पद्धति बहाल करने की मांग सरकार से की है।उन्होंने कर्मचारियों की इस मांग का भी समर्थन किया है जिसमें वह सरकारी सेवा के चलते दिव्यांग या दिवंगत हो जाता है तो उसको केंद्र सरकार की तर्ज पर ग्रेज़वटी व पारिवरिक पेंशन देने की मांग कर रहें है।
राठौर ने कहा कि कोई भी सरकारी कर्मचारी सरकार का अभिन्न अंग है।उन्होंने कहा कि सरकार के सभी विकास व शासकीय कार्यो को यह कर्मचारी ही पूरा करते है,इसलिए सेवानिवृत्ति के बाद इन्हें नियमों के तहत वर्ष 2003 से पूर्व की पेंशन ही लागू की जानी चाहिए।
राठौर ने कहा कि किसी भी कर्मचारी के सेवा में रहते हुए दिव्यांग होने की स्थिति में या फिर दिवंगत होने की स्थिति में परिवारिक पेंशन केंद्र सरकार की तर्ज पर 15 मई 2003 के बाद सेवानिवृत्त हुए सभी कर्मचारियों को डीसीआरजी,ग्रेज़वटी की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए,जबकि अभी यह सुविधा 18 सितंबर 2017 के बाद सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को ही दी जा रही है।उन्होंने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के उनके 6 मार्च 2020 के बजट भाषण की ओर आकर्षित किया है जिसमें उन्होंने 2003 से 2017 के बीच बचे करीब 5500 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को ग्रेज़वटी का पूरा लाभ देने की घोषणा की थी,जो आज दिन तक पूरी नही हुई है।उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री को अपने बजट भाषण की सभी घोषणाओं को जल्द पूरा करना चाहिए।
राठौर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से आग्रह किया है कि प्रदेश में सेवानिवृत्त कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए इनकी पुरानी पेंशन व ग्रेज़वटी बहाल की जाए।