नाहन,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा की अकस्मात् मृत्यु पर संशय जताया गया है। खुलासा हुआ है कि मृत्यु के कुछ दिन पहले ही उन्होंने अपने किसी संबंधी के समक्ष अपनी जान को खतरा होने का अंदेशा जताया था। पूर्व मंत्री की राजनैतिक विरासत की घोषणा से पूर्व यह संदेहास्पद स्थिति उत्पन्न होने से चर्चाओं का माहौल गर्म है। जानकारी के अनुसार पूर्व मंत्री की मृत्यु के एकदम बाद उनके कुछ नौकर घर से गायब पाए गए। संदेह होने पर पारिवारिक सदस्यों में सुबगाहट से सामने आया कि नौकरों के साथ घर की तिजोरी से कैश और जेवर गायब हैं। वहीं श्यामा शर्मा की वसीयत में एक घरेलू नौकर का नाम सामने आने पर उनके समर्थकों में भारी हैरानी की स्थिति उत्पन्न हो गयी। कहा जा रहा है कि कुछ वर्ष पूर्व पूर्व मंत्री के घर में हुए एक तथाकथित घरेलू विवाद में उन्होंने अपनी सम्पति अपने नौकर के नाम किए जाने को लेकर शांति बहाल किए जाने की धमकी दी थी। घरेलू विवाद को राजनैतिक षडयंत्र से बचाने के लिए उन्होंने कुछ समय के लिए अपने एक नौकर के नाम अपनी सम्पति पंजीकृत भी की थी। पारिवारिक सदस्यों के अनुसार वर्त्तमान समय में सम्पति और राजनैतिक विरासत को लेकर पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा प्रयासरत थी। लेकिन लॉक डाऊन और कोरोना काल के कारण समय का विस्तार हो गया। जानकारी के अनुसार श्यामा शर्मा ने अपनी मृत्यु के कुछ दिन पूर्व ही इस तमाम मामले पर अपने पारिवारिक सदस्यों से अपनी राय माँगी थी। और अपनी जानोमाल को खतरा भी करार दिया था। चर्चाओं की माने तो श्यामा शर्मा ने अपने भतीजे भरत शर्मा और स्वर्गीय विशाल शर्मा के पुत्र भुवन शर्मा को अपनी सम्पति और राजनैतिक विरासत सौंपने का निर्णय लिया था। इससे पहले की इस विषय पर इससे पहले कोइ गंभीरता से मनन करता पूर्व मंत्री गंभीर बीमार हो गईं और बीमारी के दो दिन बाद ही इस दुनिया को अलविदा कह गयी। पूर्व मंत्री श्यामा शर्मा स्वयं विधि स्नातक थीं और क़ानून की उनको बहुत समझ थी। यह प्रकाश में है कि राजनीतिज्ञ अकसर बेनामी सम्पति को लेकर चर्चाओं में रहते हैं।