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मंडी,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): मंडी जिला प्रशासन ने शनिवार सुबह हिंदू-रीति रिवाज के साथ मंडी के बल्ह घाटी के 52 साल के कोरोना संक्रमण मृतक का अंतिम संस्कार करवा दिया। सरकाघाट के युवक के अंतिम संस्कार को लेकर शिमला में काफी विवाद हुआ था। शव का अंतिम संस्कार बल्ह घाटी से गुजरने वाली सुकेती खड्ड के किनारे कंसा चौक के समीप किया गया। इस दौरान प्रशासन ने पूरी एहतियात बरतते हुए शव को लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज से दाह संस्कार वाले स्थान पर लाया। शव को लाते समय मेडिकल कॉलेज टीम और रेडक्रॉस सोसायटी मंडी के कार्यकर्ताओं ने पीपीई किट पहनी थी।

प्रशासन ने मृतक के बेटे शुभम और अन्य 2 परिजनों को भी पीपीई किट पहनाकर मौके पर पहुंचाया। मृतक के बेटे शुभम और परिजनों ने शव के चेहरे को अंतिम बार देखकर सुबह के 8 बजकर 54 मिनट पर मुखाग्नि दी। दाह संस्कार के दौरान हिंदू रिती-रिवाजों के अनुसार पंडित ने क्रियाएं की। शुक्रवार को मरीज का देहांत हमीरपुर से लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक लाते समय हो गया था। इसके उपरांत मृतक के घर वालों को सूचना देने के बाद सुबह शव का दाह संस्कार नेरचौक के कंसा में किया गया।

परिजनों के साथ मृतक की संबंधित ग्राम पंचायत लड़ा के प्रधान राकेश भी मौजूद रहे। दाह संस्कार के समय पर मौके पर पुलिस बल के साथ मंडी पुलिस की क्वीक रिएक्शन टीम (क्यूआरटी) का हथियारों से लेस होकर कड़ा पहरा मौजूद रहा। दाह संस्कार के समय मौके पर एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा, एसडीएम सुंदरनगर राहुल चौहान, लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज के एमएस डा। देवेंद्र शर्मा व उनकी टीम, बीडीओ बल्ह और रेडक्रॉस मंडी के सचिव ओपी भाटिया टीम सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।