Shimla,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :सीएम राम ठाकुर ने आज यहां कहा कि कोरोना महामारी के मद्देनजर राज्य में प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को प्रभावी ढंग से लागू किया जा रहा है और जरूरतमंद लोगों को जरूरत के अनुसार सहायता दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने कोविड-19 में लगे स्वास्थ्य कर्मचारियों को 50 लाख रुपए का बीमा कवर दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 की लड़ाई में सीधे तौर पर जुटे अन्य विभागों के कर्मचारियों को भी 50 लाख रुपए अनुग्रह राशि देने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार प्रदेश के 8लाख 68 हजार 915 चिन्हित किसानों के बैंक खातों में शीघ्र ही2000 रुपये किसान सम्मान निधि योजना के तहत जमा करने का निर्णय लिया है, जिस पर 173 करोड़ रुपये से भी ज्यादा खर्च होंगे।
जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना के तहत अगले तीन महीनों के लिए हर महीने महिला खाताधारकों के खातों में अनुग्रह राशि के रूप में 500 रुपए जमा किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस योजना के अन्तर्गत अब तक 5,90,306 लाभार्थियों को 29.5 करोड़ रुपये प्रदान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उज्ज्वला योजना के सभी लाभार्थियों को प्रत्येक माह में तीन माह के लिए एक गैस सिलेंडर निःशुल्क दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में 135840 प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना लाभार्थियों में से 130116 लाभार्थियों को योजना का लाभ देने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है जिनमें से 36557 लाभार्थियों की बुकिंग प्राप्त हुई है और 34654 रिफिल किए गए हैं।
जय राम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत श्रमिकों को राज्य सरकार ने मार्च और अप्रैल में 2000 रुपए श्रमिकों को कोविड-19 के कारण हो रहे नुकसान के लिए देना शुरू किया है। उन्होंने कहा कि अब तक 75601 श्रमिकों को लाभान्वित किया जा चुका है, जिस पर 15.12 करोड़ खर्च किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने 569058 लाभार्थियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की है जिस पर 217.85 करोड़ खर्च किए गए हंै।
जय राम ठाकुर ने कहा कि आवश्यक खाद्य आपूर्ति अधिनियम के तहत अप्रैल से जून 2020 तक लाभार्थियों को प्रति माह, प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम चावल और प्रति माह एक किलो दाल निःशुल्क दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मनरेगा की दिहाड़ी को 01 अप्रैल 2020 से20 रुपए प्रति दिन बढ़ाया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने महिला स्वयं सहायता समूहों की ऋण सीमा को 10 लाख से बढ़ाकर 20 लाख रुपये करने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग ने इस संबंध में निर्देश जारी किए गए हैं।