देहरादून से वीएस चौहान की रिपोर्ट
अफगानिस्तान एक ऐसा देश जहां पर एक समय पर तालिबान की सत्ता चला करती थी। वह एक ऐसा दौर था उस समय के दौर में में महिलाओं पर अनेक कड़े प्रतिबंध थे ।महिलाओं के लिए बड़े कठोर कानून बनाए गए थे ।जो महिलाएं तालिबान के कानून द्वारा दिए गए ड्रेस कोड का पालन नहीं करती थी उस समय तालिबान के कठोर कानून अनुसार उनको कड़ी सजा दी जाती थी।
यहां तक कि महिलाएं किसी दूसरे व्यक्ति को अपना नाम तक नहीं बता सकती थी ।बीमार महिलाएं डॉक्टर को अपना नाम बताने में डरती थी। महिलाओं के लिए शिक्षा पर प्रतिबंध था ।लेकिन जब तालिबानी सत्ता का अंत हुआ।
उसके बाद अफगानिस्तान की नई सत्ता नई सरकार बनी ।उसके बाद महिलाओं के प्रति नए कानून बने जिन कानूनों में अफगानिस्तान की महिलाओं के प्रति कठोरता में कमी आई महिलाएं अपने हक के लिए आवाज उठाने लगी है। आजकल महिलाएं एक्सरसाइज के लिए जिम जाने लगी है। अफगानिस्तान की महिलाएं बुर्का पहनकर जिम में एक्सरसाइज करते हैं
अफगानिस्तान के कंधार की रहने वाली पहली महिला मरियम दुरानी जिन्होंने महिलाओं की एक्सरसाइज के लिए जिम की शुरुआत की है। उन्होंने महिलाओं के हक के लिए संघर्ष किया है मरियम दुरानी महिलाओं के लिए रेडियो स्टेशन भी चलाती हैं। उनके मुताबिक अफगानिस्तान में अनपढ़ महिलाओं की संख्या बहुत अधिक है ।और महिलाओं को जिम तक आना उनके लिए एक चुनौती है।
अफगानिस्तान की कुछ बुद्धिजीवी या यह कहें तालिबान के नियमों को मानने वाले इस क्लब को शरिया कानून के विरुद्ध बताते थे। फिर भी प्रतिदिन इसमें लगभग 50 महिलाएं एक्सरसाइज के लिए जिम में आती हैं। यहां पर सना जान जिम की ट्रेनर है जो महिलाओं की एक्सरसाइज के लिए उनको ट्रेनिंग देती है।
अफगानिस्तान में जिम में प्रतिदिन एक्सरसाइज करने वाली फातिमा हाशमी बताती हैं कि उनके लिए जिम आना एक बहुत बड़ी चुनौती था । लेकिन धीरे-धीरे अफगानिस्तान में बदलाव आ रहा है ।उधर दूसरी तरफ अफगानिस्तान की सरकार और तालिबान के मध्य समझौता होने की संभावना है ऐसे में महिलाओं के लिए मुश्किल हो सकती है।