ऊना,(विजयेन्द्र दत्त गौतम):ऊना जिले के सरहदी क्षेत्र मैहतपुर-बसदेहड़ा और रायपुर सहोड़ां से 37 मजदूरों के बिहार लौटने की सूचना है। मजदूरों ने अपने खर्चे पर एक निजी बस के करीब डेढ़ लाख रुपये किराए के तौर पर चुकाए हैं। जानकारी के अनुसार जिले के पांचों विकास खंडों से लगातार प्रशासन के पास इन प्रवासी मजदूरों के आवेदन मिल रहे हैं। अकेले ऊना विकास खंड से ही 750 प्रवासी मजदूरों ने उपायुक्त कार्यालय में आवेदन देकर घर वापस भेजने की गुहार लगाई है। जिले के अन्य चार विकास खंडों को मिलाकर चार हजार पांच सौ प्रवासी मजदूरों के आवेदन डीसी ऑफिस में रजिस्ट्रर्ड हो चुके हैं।
अपने स्तर पर सैकड़ों प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश और बिहार राज्यों को लौट भी चुके हैं। इन मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते न तो उनके पास अब पहले जैसा काम बचा है, और न पर्याप्त राशन है, जो यहां बिना काम धंधा किए रह सकें। जब दिहाड़ी ही नहीं लगेगी तो यहां रहकर क्या करेंगे।जिप सदस्य पंकज सहोड़ ने अजौली गांव से करीब तीन सौ प्रवासी मजदूरों की मांग को उपायुक्त संदीप कुमार के समक्ष उठाते हुए इन मजदूरों के लिए उचित निर्णय लेने की मांग उठाई है।
डीसी संदीप कुमार ने बताया कि अभी तक जिन प्रवासी मजदूरों ने घर वापस जाने के लिए आवेदन किए हैं, उनका डाटा फीड किया जा रहा है। इनके नाम पते संबंधित राज्य सरकारों को ऑनलाइन भेजने की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने साफ किया कि बस से जाना हो या फिर पैदल, बिना परमिशन कोई भी जिले से बाहर नहीं जा सकता है।