Telangana,(R.Santosh):

मंत्री सचिवालय और प्रशासन में नहीं आते हैं।

मंत्रियों के मूल कक्ष हैं।

वर्तमान सचिवालय में ऐसा नहीं करने वाले प्रशासन को समझ में नहीं आ रहा है कि वह नए सचिवालय में क्या करेगा ..?

यदि सचिवालय में मंदिर को ध्वस्त किया जा रहा है, तो कोई भी विधायक, एमएलसी और मंत्री केसीआर पर सवाल उठाने की हिम्मत नहीं करेंगे।

भले ही गृह मंत्री अल्पमत में हों, लेकिन मस्जिद गिराए जाने पर वह चुप हैं।

अगर कांग्रेस के शासन के दौरान मस्जिद को ध्वस्त किया जाता है, तो अकबरुद्दीन और असदुद्दीन राजनेता होंगे।

अब वे केसीआर के समर्थन में चुप हैं।

पूर्व में, अगर असदुद्दीन मियापुर से पठान तालाब तक राजमार्ग बिछा रहा होता, तो सड़क पर मस्जिद की दीवार को ध्वस्त नहीं किया जाता।

अगर सचिवालय में मस्जिद को ध्वस्त किया जा रहा है, तो वे केसीआर के समर्थन में चुप क्यों हैं?

असदुद्दीन को सरकार में किसी की भी प्रशंसा करने की आदत है।

पहले चंद्रबाबू और राजशेखर रेड्डी और अब केसीआर

जो भी सत्ता में है, उसे एमआईएम पार्टी की प्रशंसा करनी चाहिए ..!

लोग कोरोनो से जूझ रहे हैं।

कोरोना पीड़ितों पर 500 करोड़ रुपये खर्च किए गए तो लोग बच जाएंगे।

लेकिन केसीआर एक नया सचिवालय बनाना चाहते हैं और इतिहास में नीचे जाना चाहते हैं

लोगों के जीवन के प्रति कोई ईमानदारी नहीं है।

टीआरएस, भाजपा और एमआईएम तीन पार्टियां हैं।

इसे हिंदुत्व पार्टी कहा जाता है लेकिन भाजपा गुड को ध्वस्त करने की बात भी कर रही है।

मंदिर के विध्वंस को बंद क्यों नहीं किया संजय ने?

एमआईएम पार्टियां केसीआर को पीछे से और बीजेपी को सामने से समर्थन दे रही हैं।

आप सिर्फ जीवित रहने के लिए धर्मों के नाम पर राजनीति कर रहे हैं।

केसीआर सचिवालय, गुडी, मस्जिद को ध्वस्त करने के लिए दिया गया समय कोरोना से जूझ रहे लोगों को नहीं दिया जा रहा है।

समय आने पर ईश्वर आप सभी का ध्यान रखेगा।