शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री संतोष कुमार गंगवार से अनुरोध किया है कि ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना’ के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को इस शर्त में छूट दी जाए कि इस योजना का लाभ केवल उन्हीं उपक्रमों को मिलेगा, जिनमें 90 प्रतिशत अथवा इससे अधिक कर्मचारी 15 हजार रुपए प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा प्रावधान करने से प्रदेश के अधिकांश लोग लाभान्वित होंगे।

केंद्रीय राज्य मंत्री को लिखे एक पत्र में जय राम ठाकुर ने कहा है कि  समाज के कमजोर वर्गों को लाभान्वित करने के लिए केंद्र सरकार ने यह योजना मार्च, 2020 में आरम्भ की थी। इस योजना में प्रावधान किया गया है कि संगठित क्षेत्र में कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों की सहायता की जाए। इसके लिए केंद्र सरकार कर्मचारी भविष्य निधि में तीन महीने के लिए सीधे उनके खाते में जमा करेगी। योजना का लाभ वे कर्मचारी उठा पाएंगे, जहां 100 कर्मचारियों तक की संख्या वाले उपक्रमों में प्रतिमाह 15 हजार रुपये से कम वेतन प्राप्त करने वाले कर्मचारियों की संख्या 90 प्रतिशत या इससे अधिक हो।

उन्होंने कहा कि प्रदेश के कई औद्योगिक चैम्बरों और संगठनों ने मामला उठाया था कि राज्य की कई औद्योगिक इकाइयों में ऐसे 90 प्रतिशत कर्मचारी नहीं है, जो 15 हजार रुपये प्रतिमाह से कम वेतन ले रहे हैं। इसलिए अन्य कम वेतन पाने वाले इन इकाइयों के कर्मचारी इस योजना का लाभ उठाने से वंचित रह सकते हैं।

जय राम ठाकुर ने कहा कि इस स्थिति से कर्मचारियों और प्रबन्धन के बीच भ्रम और अविश्वास की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि आम धारणा यह है कि सरकार उन सभी कर्मचारियों के लिए ईपीएफ का अंशदान करती है, जो 15 हजार रुपये प्रतिमाह की दर से वेतन प्राप्त कर रहे हैं।

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