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लखनऊ, यूपीपीएससी एवं यूपीएसएसएससी के चयन‍ित अभ्‍यर्थ‍ियों को न‍ियुक्‍त‍ि पत्र सौंपने के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि उनकी सरकार में प्रदेश के छोटे-छोटे गांवों और कस्बों के अभ्यर्थियों को सरकारी सेवाओं में नौकरी मिल रही है जबकि छह वर्ष पहले ऐसा नहीं होता था। तब सरकारी नौकरियों और सरकार की योजनाओं में भेदभाव होता था। उन्होंने कहा कि इससे बड़ा पाप कोई हो ही नहीं सकता कि कोई सरकार शासन की योजनाओं और कार्यक्रमों को लेकर जनता के साथ भेदभाव करे। उस भेदभावकारी व्यवस्था के खिलाफ जनता ने उन लोगों को सबक भी सिखाया है जो प्रतिभाओं को सरकारी नौकरियों में आने से और आगे बढ़ने से वंचित करते थे।

मुख्यमंत्री राज्य सरकार के मिशन रोजगार के अंतर्गत उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग और उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से चयनित सचिवालय प्रशासन विभाग के 199 समीक्षा अधिकारियों/सहायक समीक्षा अधिकारियों, परिवहन विभाग के 183 कनिष्ठ सहायकों और राज्य निर्वाचन आयोग में चयनित 128 कनिष्ठ सहायकों के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे।

लोक भवन सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में योगी ने कहा कि पिछले छह वर्षों के अंदर पारदर्शी और शुचितापूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया के तहत हमारी सरकार छह लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दे चुकी है। वर्ष 2021 से लेकर अब तक ही 16 नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम संपन्न हो चुके हैं जिनके माध्यम से 54900 युवाओं को नियुक्ति पत्र बांटे जा चुके हैं। यह तब हुआ जब इसी बीच कोरोना महामारी आई, पंचायत, विधानसभा और निकायों के चुनाव भी हुए।

योगी ने बंगाल के पंचायत चुनाव में हुई हिंसा को लेकर भी वहां की सरकार को घेरा। कहा कि बंगाल के पंचायत चुनाव में मतदान के दिन ही नहीं, मतगणना के दिन भी निर्दोष लोग मारे गए। बंगाल सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह वे लोग हैं जो लोकतंत्र का ढिंढोरा पीटते हैं। जो लोग लोकतंत्र को सर्वाधिक नुकसान पहुंचा रहे हैं, वही सबसे ज्यादा लोकतंत्र की बातें करते हैं। वहीं उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव में साढ़े चार करोड़ मतदाता शामिल हुए लेकिन यह चुनाव निर्विघ्न, बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ।

इससे पहले पंचायत चुनाव के जरिये उप्र में आठ लाख जनप्रतिनिधियों का चुनाव बिना किसी हिंसा के शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुआ। सचिवालय प्रशासन विभाग में समीक्षा अधिकारियों और सहायक समीक्षा अधिकारियों के पद पर चयनित अभ्यर्थियों से कहा कि शासन ने यह व्यवस्था की है कि यदि कोई फाइल एक टेबल पर 3 दिन रहेगी तो जवाबदेही तय की जाएगी। उन्होंने कहा कि मैं दौरे के बाद आता हूं तो सबसे पहले फाइलें निपटाता हूं। जब तक फाइलें निपटा नहीं लेता तब तक अपनी जगह से हिलता नहीं हूं। यदि हम फाइलों को लंबित रखते तो प्रदेश की 25 करोड़ जनता के जीवन में परिवर्तन के संकल्प को साकार नहीं कर पाते।

प्रदेश की अर्थव्यवस्था और प्रति व्यक्ति आय को दोगुणा नहीं कर पाते, बेरोजगारी की दर को घटा नहीं पाते। कार्यक्रम को वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र और अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार भी मौजूद थे।