Shimla(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : कोरोना महामारी के दृष्टिगत लगाए गए देशव्यापी लाॅकडाउन में किसी मरीज को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े, इसलिए हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा सीएम एचपी एसेंशियल मेडिसिन हेल्पलाइन चलाई गई है, जो प्रदेशभर में लोगों के लिए इस मुश्किल घड़ी में वरदान साबित हुई है।

जिला प्रशासन सिरमौर द्वारा भी लोगों के लिए मेडिसिन हेल्पलाइन चलाई गई है, जिसमे जिला के विभिन्न खण्डों में मेडिसिन स्टोर के नंबर लोगों से साँझा किये गए हैं, जिन पर फोन करने के बाद लोगों को दूर दराज क्षेत्रों में भी घर बैठे जरूरी दवाइयां प्राप्त हुई हैं।

इस बारे में जानकारी देते हुए सहायक दवा नियंत्रक सिरमौर सनी कौशल ने बताया कि सीएम एचपी एसेंशियल मेडिसिन हेल्पलाइन के तहत जिला में 6 अप्रैल से लेकर 23 अप्रैल, 2020 तक 52 निवेदन आये हैं, जिनमें से 48 का समाधान कर दिया गया है और केवल 4 शेष हैं, जिन पर कार्य चल रहा है। उन्होंने बताया की हेल्पलाइन पर ज्यादातर मामले ऐसे आए हैं, जिनका इलाज दूसरे राज्यों से चल रहा है और उनकी दवाइयां भी वहीं से मिलती हैं। ऐसे सभी मामलों में मरीजों के लिए दवाइयों का प्रबंध उनके क्षेत्र में ही किसी दवाई विक्रेता के पास करने का पूरा प्रयास किया गया है, जहाँ से वह कफ्र्यू में दी गई ढील के दौरान जाकर अपनी दवाई ले सकते हैं। इसके इलावा जो मरीज खुद नहीं जा सकते या बुजुर्ग लोगों के लिए यह सुविधा उनको घरद्वार पर ही उपलब्ध करवाई जा रही है।

प्रेजिडेंट, जिला सिरमौर केमिस्ट्स एंड ड्रग अलायन्स राकेश मल्होत्रा ने बताया कि जिला में अप्रैल 1 अप्रैल से लेकर अभी तक लगभग 1500 होम डिलीवरी की गई हैं। उन्होंने बताया कि सीएम एचपी एसेंशियल मेडिसिन हेल्पलाइन के माध्यम से या जिला प्रशासन की मेडिसिन हेल्पलाइन के तहत जिला के दवाई विक्रेताओं के साथ तालमेल बनाकर जिस क्षेत्र से दवाई के लिए फोन आता है, वहां दवाई पहुंचाई जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी हाल ही में जिला प्रशासन के आदेशों अनुसार उन्होंने जिला के रोनहाट क्षेत्र, जो कि नाहन से करीब 160 किलोमीटर दूर है, में एक मरीज को हृदय की बीमारी और मधुमेह की दवाइयां पहुंचाई हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार और जिला प्रशासन के दिशा-निर्देशों अनुसार जिला सिरमौर केमिस्ट्स एंड ड्रग अलायन्स ने लोगों को खासकर बुजुर्गों को उनकी जरूरत के हिसाब से दवाइयां उपलब्ध करवाई हैं, ताकि लाॅकडाउन की इस स्थिति में उन्हें घर से बाहर न निकलना पड़े।