शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :महाराष्ट्र में साधुओं के नृशंष हत्याकांड पर हिप्र संत समाज ने चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि हत्यारों के खिलाफ किसी भी प्रकार से कोताही बरते जाने का परिणाम भुगतने को सरकार तैयार रहे। संत समाज ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह समेत महाराष्ट्र सरकार को मामला फास्ट ट्रायल अदालत में चलाए जाने की कड़ी मांग की है। संत समाज ने कहा कि हत्यारों के प्रति नरमी दिखाए जाने की सूरत में संत समाज अपने आप न्याय करने में पूरी तरह से सक्षम है। श्री रेणुका जी स्थित महामंडलेश्वर स्वामी दयानंद भारती जी ने कहा कि आज हिंदूवादी सरकार कहलाने का दावा किए जाने वाली भारत सरकार और महाराष्ट्र सरकार साधुओं की सरेआम नृशंष ह्त्या के समक्ष बेनकाब हो चुकी हैं। जो राजा अपनी प्रजा और अपने धर्म की रक्षा करने में असमर्थ है उसे गद्दी पर बने रहने का कोइ अधिकार नहीं है। रीति रिवाजों, मर्यादाओं और पुराण कथाओं में पुराणों के नियमो के अनुसार ब्रह्म ह्त्या के परिणामस्वरूप राजा गद्दी विमुख हो जातें हैं और हत्यारों को ऐसी क्रूर सजा दी जाती है जिसे युग युगांतर तक याद रखा जा सके। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन साधू समाज हमेशा से ही सनातन धर्म की रक्षा और शिक्षा के विस्तार तक सिमित रहा है। और जब जब धर्म के इस मार्ग में दुष्टों ने किसी भी प्रकार से विघ्न उत्पन्न करने का प्रयास किया तो परिणामों की सूचि सर्व व्याप्त है। आज समाज में साधुओं की दशा से दिशा बदल चुकी है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गृहमंत्री या मुख्यमंत्री अथवा न्यायिक अधिकारी तमाम चुने प्रतिनिधियों और अधिकारियों द्वारा अपने रक्षा दायित्व का पालन करने हेतु शपथ ली जाती है। लेकिन इस प्रकार की बड़ी त्रुटियों को बार बार बरता जा रहा है और तमाम पदाधिकारी अपनी शपथ को तोड़ चुके हैं। उन्होंने कहा कि साधू समाज न चाहते हुए भी रक्षार्थ शस्त्र उठाने को मजबूर है। जिसका कारण हमारी रक्षा की शपथ से विमुख होना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र के पालघर के दहाणु तालुका के एक आदिवासी बहुल गडचिनचले गाँव में सैकड़ों लोगों की भीड़ के द्वारा जूना अखाड़ें के दो संतों और उनके ड्राइवर की पुलिस के सामने ही बड़ी बेरहमी से पीट-पीट कर गुरुवार 16 अप्रैल 2020 के देर रात को हत्या कर दी गयी थी। जिस नृशंस घटना में जूना अखाड़ा के महंत कल्पवृक्ष गिरी महाराज (70 वर्ष), महंत सुशील गिरी महाराज (35 वर्ष) और कार ड्राइवर निलेश तेलगडे (30 वर्ष) की बाद में अस्पताल ले जाते समय मौत हो गयी थी। जबकि यह लोग मुंबई से गुजरात अपने गुरु भाई को समाधि देने के लिए जा रहे थे। दरअसल, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा 13 मंडी मिर्जापुर परिवार के एक महंत राम गिरी जी गुजरात के वेरावल सोमनाथ के पास ब्रह्मलीन हो गए थे। जबकि घटना में जान गंवाने वाले यह दोनों संत महाराष्ट्र के कांदिवली ईस्ट के रहने वाले थे और मुंबई से गुजरात अपने ब्रह्मलीन गुरु भाई महंत राम गिरी जी की  समाधी की अंतिम क्रिया में शामिल होने जा रहे थे। रास्ते में उन्हें महाराष्ट के पालघर जिले में स्थित दहाणु तहसील के गडचिनचले गाँव में पालघर थाने के पुलिसकर्मियों ने पुलिस चौकी के पास रोका और वहां पर सैकड़ों लोगों की एकत्र भीड़ ने उनको मार डाला था। उन्होंने कहा कि जब से दर्दनाक घटना की जानकारी देश के संत समाज को हुई है तब से उनमें बहुत ज्यादा आक्रोश व्याप्त है कि आखिर कैसे महाराष्ट्र में पुलिस कर्मियों के सामने ही दो महात्माओं और उनके ड्राइवर की पीट-पीट कर हत्या कर दी जाती है और पुलिस मूक दर्शक बनकर तमाशा देखती रहती है। साधू समाज में श्री महंत शिवदत्त गिरी अघोरी कुटिया, नागा बाबा हरि ओम गिरी, शिव मंदिर जोगन वाली,  नागा बाबा ईश्वर गिरी शिव मंदिर पौड़ी वाला,  नागा बाबा अनमोल गिरी शिव मंदिर कोलर,  अवधूत सोमवार गिरी काली मंदिर मेहता वाला, महंत शक्ति गिरी शिव मंदिर रुकडी, शिवानी गिरी माता मनसा देवी मंदिर जोगन वाली,  अवधूत मस्त गिरी मार्कंडेय डिम की मंदिर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ामहंत बालक गिरी शिव मंदिर बांगरण, श्री महंत मीरा पुरी समला सन माता मंदिर जबल का बाग आदी समेत प्रदेश के तमाम साधू संत समाज ने स्वर्गवासी संतों को श्रधान्जली अर्पित करते हुए हत्याकांड के प्रति कड़ी भर्त्सना व्यक्त की है।