शिमला | हिप्र में कोरोना वायरस के दृष्टिगत घरों के आगमन के लिए जारी किए जा रहे पास पर राजनीति की जा रही है | पिक एंड चूस के इस भ्रष्टाचार का यह बड़ा खुलासा तब हुआ जब पंजाब एवं चंडीगढ़  की इंचार्ज एवं डलहोजी विधायक आशा कुमारी ने हिप्र के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर को एक पत्र लिखकर इस प्रकरण बारे सचेत किया | पत्र में आशा कुमारी ने लिखा कि कोरोना वायरस के रूप में महामारी की गंभीर प्रकृति से हम सभी अवगत हैं, जो दुनिया भर में अपने जाल फैलाए हुए है । 14 अप्रैल तक राष्ट्र को सही तरीके से बंद कर दिया गया है,  जिसे 30 अप्रैल, 2020 तक बढ़ाया जाना है। उन्होंने सीएम जयराम को कहा कि राज्य के भीतर और बाहर आजीविका कमाने के अपने प्रयासों में बड़ी संख्या में लोग अपने घरों से बाहर हैं | ऐसे लोग चम्बा जिला समेत उनके निर्वाचन क्षेत्र से कांगड़ा, मंडी, किन्नौर और अन्य हिस्सों में फंसे हुए हैं | जबकि इसके अलावा बहुत से लोग ऐसे भी हैं जो हिमाचल के बाहर देश के अन्य राज्यों में लाक डाउन में बंद हैं | चूंकि जिला के अन्दर ही एक स्थान से दूसरी जगह भ्रमण करने की अनुमति नहीं है, ऐसे में प्रदेश राज्य प्रशासन के तहत लोगों को अपने गंतव्य स्थानों तक पहुंचाने के लिए पास प्रक्रिया अपनाई गयी है | लेकिन यह गंभीर चिंता का विषय है कि घर जाने के लिए भाई भतीजावाद की नीति अपनाई जा रही है और अपने चहेतों को अंधाधुंध पास जारी किए जा रहें हैं |  हैरानी की बात तो यह है कि जिस उद्देश्य और पालिसी के तहत पास जारी किए जाने की नीति अख्तियार की गयी थी, उसका उपयोग किया ही नहीं जा रहा है | पास आबंटन किए जाने में बीमार रोगियों, मृत्यु होने, विवाह और अन्य आपातकालीन परिस्थितियों की शर्तें शामिल हैं | लेकिन असवैधानिक स्थिति यह है कि बड़ी संख्या में जारी किए गए पास किसी भी नीति के दायरे में नहीं हैं | हास्यास्पद स्थिति तो यह है कि हर नियम को धत्ता बताकर पास बनाने में अपनी डफली अपना राग बजाया जा रहा है | पास बनाने में जो कारण दिए जा रहें हैं वह किसी भी प्रकार से नियमो के दायरे में आते ही नहीं है | उन्होंने कहा कि एक ही राज्य में विशेष रूप से भेदभावपूर्ण और पक्षपाती रुख के दो कानून नहीं हो सकते, खासकर जहां स्थिति की गंभीर वास्तविकता ने वास्तव में फंसे हुए लोगों पर कुठारघात किया है। उन्होंने तमाम प्रकरण का खुलासा एक प्रकरण का साक्षात उदाहरण देते हुए बताया कि किन्नौर के हाईड्रो प्रोजेक्ट में करीब 500 लोग फंसे हैं, जिनमे अकेले चम्बा के लगभग 150 लोग हैं | लेकिन डीसी किन्नौर के अंतर्गत पास बनाने की शक्तियों का दुरुपयोग किया गया और सरेआम कानून की मर्यादा ताक पर रखते हुए पिक एंड चूस नीति को बढ़ावा दिया गया | आशा कुमारी ने अपने पत्र में मुख्यमंत्री से अनुरोध किया कि प्रत्येक हिमाचली के निर्वाहन और नीतिगत शासन के मद्देनजर इस तमाम भ्रष्टाचार पर तुरंत प्रभाव से लगाम लगाई जाए | जिससे आमजन को नीतिगत पास प्रक्रिया का न्याय प्राप्त हो |