राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में एमबीबीएस प्रथम वर्ष के तीन छात्रों के साथ सीनियर छात्रों द्वारा की गयी कथित रैगिंग की शिकायत पर जांच कमेटी ने रविवार को दोनों पक्षों के मेडिकल छात्र-छात्रओं के बयान लिए। जांच कमेटी ने तीन मेडिकल छात्रों को तीन-तीन महीने के लिए शैक्षणिक कार्यों से निष्कासित करने के साथ ही कॉलेज परिसर से बाहर करने का निर्णय लिया। इसके अलावा एक छात्र को 15 दिन के लिए कॉलेज से निष्कासित किया गया है।

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य और जांच कमेटी के अध्यक्ष प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत ने बताया कि यह मामला रैगिंग से संबंधित नहीं था, लेकिन संबंधित छात्रों ने शुक्रवार रात्रि लगभग 11 बजे से लेकर एक बजे तक मेडिकल कॉलेज परिसर में भय और तनाव का माहौल बनाने के साथ ही शांति भंग भी की। गाली गलौज और अपशब्दों का भी प्रयोग किया गया। घोर अनुशासनहीनता कर इन छात्रों ने मेडिकल कॉलेज की छवि को धूमिल करने का भी प्रयास किया। जांच कमेटी ने जूनियर रेजीडेंट डॉक्टर प्रद्युमन चौहान के साथ ही एमबीबीएस 2017 बैच के आर्यन पांडे और एमबीबीएस 2016 बैच की प्रिया सैनी को तीन-तीन महीने के लिए शैक्षणिक कार्यों से निष्कासित करने के साथ ही मेडिकल कॉलेज परिसर से भी बाहर करने का निर्णय लिया। एक छात्र को 15 दिन के लिए निष्कासित किया गया।

छात्र की फाइल बनाने को लेकर हुआ विवाद

मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डा. चंद्रमोहन सिंह रावत ने एक छात्र की फाइल बनाने को लेकर बीते शुक्रवार रात काफी विवाद हो गया। जिसमें सीनियर छात्र द्वारा अप्रिय शब्दों का प्रयोग करने के साथ ही गाली गलौज भी की गयी। देर तक जूनियर छात्र को खड़ा भी रखा गया। घोर अनुशासनहीनता के साथ ही संस्थान में शांति भंग करने का प्रयास और भय का तनाव का माहौल भी बनाया गया। कहा कि मामला  रैगिंग का नहीं था, नए प्रवेश हुए लगभग छह महीने हो चुके हैं। इसीलिए जांच कमेटी ने संबंधित तीनों छात्रों को तीन-तीन महीने के लिए और एक मेडिकल छात्र को 15 दिन के लिए निष्कासित करने का निर्णय लिया।

एमसीआइ की रैगिंग सेल से भी छात्रों ने की थी शिकायत

श्रीनगर मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस 2019 बैच के छात्रों ने एमसीआइ की रैगिंग सेल को भी सीधे शिकायत कर सीनियर छात्रों द्वारा घोर अपशब्दों का प्रयोग करने और  रैगिंग करने की शिकायत थी। बीते शनिवार को यह मामला संज्ञान में आते ही मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर डॉ. चंद्रमोहन सिंह रावत ने छह सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर रविवार को दोनों पक्षों के छात्रों को जांच कमेटी के समक्ष बुलाकर उनसे घटना को लेकर विस्तृत पूछताछ की।

दिनभर चली इस पूछताछ के बाद जांच कमेटी के निर्णय के आधार पर एक जूनियर रेजीडेंट डाक्टर सहित दो मेडिकल छात्रों को तीन-तीन महीने के लिए मेडिकल कॉलेज से निष्कासित करने का निर्णय लिया गया। इसी मामले में एक छात्र को 15 दिन के लिए निष्कासित करने का निर्णय कमेटी द्वारा लिया गया।