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नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : दुनिया को कुछ ही महीनों में कोरोना वैक्सीन उलब्ध कराने की घोषणा के बाद अब वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) ने दुनिया भर के देशों के लिए चेतावनी जारी की है कि उन्हें ऐसी परस्थितियों के लिए भी तैयार रहना चाहिए जिसमें ये संक्रमण कभी ख़त्म ही न हो। WHO ने स्पष्ट कहा है कि हो सकता है कि कोविड-19 कभी ख़त्म ही ना हो और दुनिया को इसके साथ ही जीने की आदत डालनी पड़े। WHO के आपातकालीन मामलों के निदेशक माइकल रयान ने जेनेवा में एक वर्चुएल प्रेस कॉन्फ्रेंस में बुधवार को कहा, कोरोना हमारे बीच इस तरह के एक वायरस में तब्दील हो सकता है जो दूसरों से हटकर हो और संभव है कि ये कभी ख़त्म ही ना हो।’ उन्होंने एचआईवी का उदाहरण देते हुए कहा कि यह वायरस भी ख़त्म नहीं हुआ है। माइकल रयान के मुताबिक़ वैक्सीन के बिना आम लोगों को इस बीमारी को लेकर इम्यूनिटी का उपयुक्त स्तर हासिल करने में सालों लग सकते हैं। इससे पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख टेडरॉस एडहनॉम गिब्रयेसॉस ने कहा था कि वैक्सीन बनाने का कम तेजी से चल रहा है और कम से कम 100 वैक्सीन बनाने की कोशिशों पर काम चल रहा है। इनमें से 7 से 8 ऐसी हैं जो कि मंजिल के काफी करीब हैं। बता दें कि सिर्फ WHO ही नहीं दुनिया भर के एक्सपर्ट आशंका जता रहे हैं कि ऐसी कोई वैक्सीन कभी तैयार ही नहीं हो पाएगी। दुनिया भर के देशों ने अपने यहां लॉकडाउन में ढील देना शुरू कर दिया है जिसके बाद टेडरॉस ने चेतावनी दी है कि इससे संक्रमण की रफ़्तार बढ़ सकती है।
टेडरॉस ने कहा, ‘कई देश मौजूदा लॉकडाउन स्थिति से बाहर निकलने के लिए अलग-अलग तरीक़ा अपना रहे हैं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन दुनिया के सभी देशों को अलर्ट पर रहने की सलाह दे रहा है। प्रत्येक देश को अब भी सबसे उच्चतम स्तर पर अलर्ट रहने की ज़रूरत है।’ उधर रयान ने भी अपनी प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि जो देश ख़ुद को लॉकडाउन के लिए खोल रहे हैं वहां बहुत ‘जादुई सोच’ काम कर रही है। रयान के मुताबिक़ अभी जन जीवन सामान्य होने में काफ़ी लंबा समय लगेगा। रयान ने कहा, ‘हमें वास्तविकता के साथ सोचना होगा, यह महत्वपूर्ण भी है। मेरे ख्याल से अभी कोई नहीं बता सकता कि ये वायरस कब तक मौजूद रहेगा। इसको लेकर कोई वादा नहीं किया जा सकता है और ना कोई तारीख़ तय की जा सकती है।’ माइकल रयान ने यह भी कहा कि इस वायरस का निदान ढूंढ़ना एक लंबी प्रक्रिया है और हो सकता है कि कभी पूरी भी ना हो। रयान के मुताबिक़ अगर कोविड-19 की वैक्सीन तैयार भी हो जाती है तो उसे दुनिया भर में पहले टेस्ट करना होगा और कोरोना वायरस पर नियंत्रण के लिए बहुत बड़े प्रयास की ज़रूरत आने वाले दिनों में भी पड़ेगी। वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की महामारी रोग विशेषज्ञ मारिया वैन केरखोवे ने भी कहा, ‘हमें यह माइंडसेट बनाना होगा कि इस महामारी से बाहर निकलने में वक़्त लगेगा।’