रोडवेज प्रबंधन ने दीपावली से पूर्व सभी कर्मचारियों का सितंबर का वेतन जारी करने का भरोसा दिया है। इसके साथ ही निमयानुसार दायरे में आने वाले कर्मचारियों को अनुग्रह राशि भी दी जाएगी। नियमित कर्मियों को करीब छह हजार रुपये और विशेष श्रेणी कर्मियों को 1200 रुपये अनुग्रह राशि मिलेगी।

कर्मचारियों को सितंबर का वेतन समेत दिवाली के बोनस की मांग लेकर उत्तरांचल रोडवेज कर्मचारी यूनियन द्वारा 22 अक्टूबर की आधी रात से प्रदेशव्यापी हड़ताल करने का एलान किया हुआ था। यूनियन की ओर से मामले में एक माह पहले हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की गई थी। उस वक्त तक कर्मचारियों को जुलाई और अगस्त का भी वेतन नहीं मिला था।

हाईकोर्ट ने दो सप्ताह पहले सरकार को रोडवेज के बकाए के 17 करोड़ रुपये जारी करने के आदेश दिए, तब जाकर कर्मचारियों को जुलाई व अगस्त का वेतन दिया गया। इसके बावजूद सितंबर का वेतन व बोनस नहीं मिला।

यूनियन हड़ताल की तैयारी कर रही थी कि मंगलवार को ही हाईकोर्ट ने सख्त रुख दिखाकर सरकार को दिवाली से पहले रोडवेज के बकाये के 69 करोड़ रुपये और देने के आदेश दिए। इस पर यूनियन ने हड़ताल वापस ले ली थी।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद यूनियन और रोडवेज प्रबंधन की वार्ता हुई थी। बोनस व अन्य मांगों को लेकर फिर वार्ता बुलाई गई थी।

जीएम प्रशासन निधि यादव व जीएम संचालक दीपक जैन और रोडवेज के अन्य अधिकारियों के साथ कर्मचारी यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने वार्ता की। प्रबंधन ने बताया कि दीपावली से पहले सभी श्रेणी के कर्मचारियों को सितंबर माह का वेतन दे दिया जाएगा।

इसके लिए राज्य सरकार से मिलने वाली धनराशि का इंतजार नहीं किया जाएगा। प्रबंधन ने यह भी कहा कि सरकार से धनराशि जारी होने पर लंबित भुगतान व अक्टूबर का वेतन भी जारी करने में तेजी लाई जाएगी। वार्ता में यूनियन प्रदेश महामंत्री अशोक चौधरी, केपी सिंह, विपिन कुमार, हरेंद्र कुमार व अबरार अहमद समेत कुलदीप सिंह शामिल रहे।

आसान नहीं दीपावली से पहले रोडवेज को भुगतान

हाईकोर्ट द्वारा सरकार को परिवहन निगम (रोडवेज) के बकाये का भुगतान करने के आदेशों के बाद शासन में हड़कंप है। शासन उन तमाम बिंदुओं पर नजर दौड़ा रहा है जिससे रोडवेज को भुगतान किया जा सके। अभी शासन की प्राथमिकता रोडवेज को विभिन्न विभागों द्वारा दिए जाने वाले अवशेष भुगतानों को मुक्त करने की है। यह राशि सात करोड़ के आसपास है। इसके लिए इन विभागों से पत्राचार किया जा रहा है।

हालांकि, हिल लॉस के पैसा फिलहाल शासन देने की स्थिति में नहीं है। रोडवेज द्वारा सरकार के विभिन्न आदेशों और जनकल्याणकारी योजनाओं का तकरीबन 86 करोड़ रुपये शासन से लेना था। वहीं, सरकार ने वार्षिक बजट में रोडवेज के लिए केवल दस करोड़ का प्रावधान किया है।

पहले ही आर्थिक तंगी से जूझ रहे रोडवेज के सामने स्थिति यह आई कि कर्मचारियों को वेतन तक देना मुश्किल हो गया। कुछ समय पहले जब रोडवेज कर्मियों ने दबाव बनाया तो सरकार ने रोडवेज को 17 करोड़ रुपये जारी कर दिए। इस बीच कोर्ट ने इस संबंध में रोडवेज कर्मियों द्वारा याचिका की सुनवाई करते हुए सरकार को रोडवेज का बकाया 69 करोड़ रुपये का भुगतान दीपावली पूर्व करने के निर्देश दिए।

सरकार की स्थिति अभी ऐसी है नहीं कि वह इतनी बड़ी राशि रोडवेज को दे सके। अब क्योंकि कोर्ट का आदेश है ऐसे में अब वित्त व परिवहन विभाग उन मदों की ओर नजरें दौड़ा रहा है जिनके तहत रोडवेज को भुगतान किया जाना है। इसके तहत विभिन्न मौकों पर विभागों द्वारा रोडवेज की सेवा लेने की एवज में किए जाने वाले भुगतान पर टिकी हुई है।

इनमें समाज कल्याण, गृह, सूचना और आपदा शामिल हैं। शेष 60 करोड़ रुपये सरकार ने हिल लॉस के रूप में सीधे देना है तो फिलहाल ऐसा होता संभव नजर नहीं आ रहा है। सचिव परिवहन शैलेश बगोली का कहना है कि शासन सभी मदों के अनुसार भुगतान के लिए प्रयास कर रही है। संबंधित विभागों से भी रोडवेज की अवशेष धनराशि अवमुक्त करने को पत्र लिखा जा रहा है।