शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): ग्राम पंचायत ढली के गांव काशी (धगोगी) की महिलाओं द्वारा दुग्ध उत्पादन करके स्वाबलंबन की अनूठी मिसाल कायम की है जिसके माध्यम से इस समूह की महिलाओं द्वारा अपने घर का सारा खर्चा स्वयं वहन किया जा रहा है । समूह की प्रधान मीरा देवी ने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 15 मार्च 2018 को उनके समूह का पंजीकरण खंड विकास अधिकारी मशोबरा कार्यालय केे माध्यम से किया गया था जिसमें छः महिलाएं शामिल की गई थी । एलएसईओ कांता शर्मा के मार्गदर्शन में उनके समूह द्वारा दुग्ध उत्पादन करना शुरू किया जिसके लिए ब्लॉक से 40 हजार की परिक्रमा राशि अनुदान के रूप में प्रदान की गई जोकि दुधारू पशुओं के पालन में वरदान सिद्ध हुई । समूह की महिलाओं द्वारा प्रतिदिन करीब 70 किलोग्राम दुग्ध का उत्पादन करना शुरू किया गया जिसकी खपत क्रेगनेनों में रहने वाले किरायदारों व होटल ढाबा वालों मंे होने लगी । इसके अतिरिक्त समूह की महिलाओं द्वारा सीरा बड़ियां, सूखी सब्जियों की पैकिंग करके उसे मेले इत्यादि में प्रदर्शनी लगाकर बेचा जाता है । एनआरएलएम के माध्यम से समूह को तीन लाख की राशि भी बतौर ऋण स्वीकृत की गई है। समूह की अध्यक्ष ने बताया कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में गत वर्ष आयोजित मेले में चीड़ के पतों से बने उत्पाद की प्रदर्शनी में ईनाम के रूप में ट्रॉफी प्राप्त की थी जिससे समूह की महिलाओं के आत्म विश्वास में बढ़ोतरी हुई । समूह की महिलाओं द्वारा अपने उत्पाद को मशोबरा में संडे मार्किट में भी प्रदर्शित किया जाता है।
एलएसईओ कांता शर्मा ने जानकारी दी कि महिला सशक्तिकरण के उददेश्य से मशोबरा ब्लॉक में राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 688 महिला स्वयं सहायता समूह गठित किए गए है जिन्हें गत दो वर्षों के दौरान करीब 15 करोड़ 35 लाख रुपये के ऋण सस्ती ब्याज दर पर बैंकों के माध्यम से उपलब्ध करवाएं गए हैं जिससे महिलाओं द्वारा अपनी रूचि के अनुरूप कारोबार आंरभ करके आत्म निर्भर बनी है ।