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नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): कोरोना संकट से मुश्किल में आई अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए भारत सरकार ने 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज इस पैकेज के चौथी किस्त की जानकारी दी। निर्मला सीतारमण ने बताया हम आज जिन 8 क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करने जा रहे हैं वे हैं- कोयला, खनिज रक्षा उत्पादन, हवाई क्षेत्र प्रबंधन, MROs,बिजली वितरण कंपनियां, अंतरिक्ष क्षेत्र और परमाणु ऊर्जा। वित्त मंत्री ने बताया कई क्षेत्रों में नीतियों को सरल बनाने की आवश्यकता है, जिससे लोगों को यह समझना सरल हो कि इस क्षेत्र से क्या मिल सकता है, लोगों की भागेदारी बढ़े और पारदर्शिता आ सके। हम ऐसा करके किसी क्षेत्र के विकास और नौकरियों को बढ़ावा दे सकते हैं।

आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए कोयला क्षेत्र के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के फंड का एलान किया। सीतारमण ने कहा, “कोयला क्षेत्र से सरकार का एकाधिकार खत्म होगा। कोयला उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर कैसे बनें और कैसे कम से कम आयात करना पड़े, इस पर काम करना है। ज्यादा से ज्यादा खनन हो सके और देश के उद्योगों को बल मिले। 50 ऐसे नए ब्लॉक नीलामी के लिए उपलब्ध होंगे। पात्रता की बड़ी शर्तें नहीं रहेंगी। कोल इंडिया लिमिटेड की खदानें भी निजी क्षेत्र को दी जाएंगी।” साथ ही एल्यूमिनियम उद्योग की प्रतिस्पर्धा बढ़ाने के लिए बॉक्साइट और कोयला खनिज ब्लॉकों की एक संयुक्त नीलामी प्रक्रिया बनाई जाएगी।

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश यानी एफडीआई की सीमा मौजूदा 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी करने का एलान किया। उन्होंने कहा कि रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने की आवश्यकता है।वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त जारी करते हुए कहा कि ऑर्डिनेंस फैक्ट्री बोर्ड का कॉर्पोरेटाइजेशन होगा।