देहरादून। उत्तराखंड राज्य निर्माण आंदोलन कारियों ने 18 मार्च को कोराना वायरस के देश में महामारी के रूप में फैलाव को देखते हुए काला दिवस कार्यक्रम रद्द किया। चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति के केंद्रीय मुख्य संरक्षक और पूर्व मंत्री धीरेंद्र प्रताप और केंद्रीय अध्यक्ष हरि कृष्ण भट्ट ने आगामी 18 मार्च को उत्तराखंड राज्य सरकार की तीसरी वर्षगांठ के अवसर पर राज्य सरकार द्वारा मनाए जा रहे कार्यक्रमों के विरोध में समिति द्वारा आयोजित काला दिवस कार्यक्रम को कोराना वायरस के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए रद्द कर दिया है।
इस आशय का ऐलान आज यहां करते हुए धीरेंद्र प्रताप और हरी कृष्ण भट्ट ने बताया कि समिति यद्यपि सरकार के 3 वर्ष के कार्यकाल को ष्पूर्णता विफलता का कार्यकाल मानती है परंतु कोराना वायरस को एक महामारी घोषित कर दिए जाने के बाद अब यह उचित नहीं होगा कि राज्य भर के आंदोलनकारी लंबा सफर कर देहरादून आए और किसी परेशानी के शिकार हो। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार के 3 साल के कार्यकाल में पहले ही राज्य आंदोलनकारियों को किसी भी प्रकार की सुविधाएं सम्मान या उनकी आकांक्षाओं के अनुरूप राज्य के नव निर्माण के लिए कोई कदम त्रिवेंद्र सरकार ने नहीं उठाया। जिससे राजेंद्र कारी पहले ही परेशान और नाराज है। धीरेंद्र प्रताप ने कहा कि राज्य आन्दोलनाकारी जब तक उत्तराखंड की राजधानी गैरसैंण को राजधानी नहीं बनाया जाता और पलायन चिन्हिकरण, 10ः आरक्षण, मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों  को सजा सरकार नहीं दिला देती तब तक सड़कों पर रहेगे और अपना विरोध जारी रखेंगे। उन्होंने राज्य सरकार से भी 18 मार्च के तमाम सरकारी कार्यक्रम रद्द करने को कहा है  और राज्य की जनता को को राणा वायरस की महामारी से बचाने के लिए तमाम प्रयास प्राथमिकता के आधार पर किए जाने की सलाह दी है।