देहरादून से वीएस चौहान की रिपोर्ट

अक्सर आप हिंदू मान्यता अनुसार देखते होंगे कि पीपल का वृक्ष घर में नहीं लगाया जाता। अक्सर पीपल का वृक्ष मंदिरों के पास देखने को मिल जाता है। पीपल के वृक्ष जंगलों में देखने में मिल जाता है। और पीपल का वृक्ष  टूटे हुए खंडहरों में भी  उगा हुआ देखते हैं। लेकिन ऋषिकेश के रहने वाले एक व्यवसाई राजेश कुमार तनेजा हिंदू मान्यताओं को तो मानते हैं। लेकिन हिंदू मान्यताओं से जुड़ी कुरीतियों को नहीं मानते हैं। उनका सोचने का नजरिया अलग है। राजेश कुमार तनेजा वैज्ञानिक सिद्धांतों को मानते हैं वह हिंदूवादी सकारात्मक विचारों  और मान्यताओं के समर्थक हैं।

यही कारण है कि उन्होंने अपने ऑफिस में पीपल के वृक्ष का पौधा लगाया हुआ है। जो आज एक छोटे से वृक्ष के रूप में है। राजेश कुमार तनेजा के मुताबिक अगर वैज्ञानिक आधार पर बात करते हैं तो पीपल के वृक्ष से ऑक्सीजन मिलती है उनके मुताबिक आध्यात्मिक आधार इस प्रकार है कि उन्होंने गीता के दसवें अध्याय और श्लोक नंबर 26 साथ  साथ इसी अध्याय में अन्य श्लोक में पढ़ा श्री कृष्ण कहते हैं कि वृक्षों में पीपल वेदों में सामवेद, नागों में वासुकी, हाथियों में ऐरावत रितु,  ऋतुओं में वसंत महीनों में माघ, पक्षियों में गरुड़ सब में विराजमान है। जब पीपल के वृक्ष में प्रभु विराजमान है तो पीपल के वृक्ष से किस बात का डर ना है। लोग कहते हैं कि घर में पीपल नहीं लगाना चाहिए और राजेश कुमार का मानना है जब पीपल में प्रभु हैं तो वह तो प्रभु की छत्रछाया में रहना पसंद करेंगे। बल्कि पीपल ऑफिस में रखने पर उनका व्यवसाय दिन-रात दुगना हो रहा है। उनके घर में सुख शांति है। उनकी ऑफिस में रखा यह पीपल का छोटा सा वृक्ष ऑफिस की खूबसूरती भी बढ़ा देता है। और भरपूर ऑक्सीजन भी देता है साथ में  पॉजिटिव एनर्जी देता है। वह किसी भी तरह की कुरीतियों को नहीं मानते हैं। वैसे भी हिंदू मान्यता अनुसार पीपल के वृक्ष पर देवताओं का निवास होता है।