भिवानी,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : उच्च पद पर पहुंचकर भी प्रदेश की मिट्टी से स्वभाविक जुड़ाव रखते हुए गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भिवानी की जनता रसोई में गरीबों तथा जरूरतमंद लोगों के लिए अपनी ओर से प्राकृतिक खेती से तैयार गेहूं व चावल भेजकर सभी क्षेत्रवासियों के दिलों को जीतने का काम किया है। प्रदेश के बिजली मंत्री चौधरी रणजीत सिंह ने भी जनता रसोई की ओर सहयोग का हाथ बढ़ाते हुए आज अनाज की एक खेप भेजी है।
आज आचार्य देवव्रत ने प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में न केवल देश में बल्कि विश्व में एक अलग पहचान बनाई है और उन द्वारा कुरुक्षेत्र के गुरूकुल फार्म में शुरु की गई प्राकृतिक खेती आज पूरे देश में प्रेरणा बनी हुई है। यही नहीं देश के एक दर्जन राज्यों, जिनमें हरियाणा, हिमाचल, गुजरात, आंध्रप्रदेश आदि शामिल हैं। आचार्य देवव्रत द्वारा शुरु किया गया प्राकृतिक खेती मॉडल अपने राज्यों में अपनाया भी है।
आचार्य देवव्रत को जैसे ही पता लगा कि लॉकडाऊन के दौरान भिवानी महापंचायत के तत्वावधान में यहां गरीबों व जरूरतमंद लोगों के लिए जनता रसोई शुरु की गई तो उन्होंने कुरूक्षेत्र गुरुकुल प्रबंधन को जनता रसोई के लिए प्राकृतिक अनाज भेजने के आदेश दिए हैं। आज इन आदेशों के चलते पहली खेप जनता रसोई में पहुंच गई, जिसमें 101 मण गेहूं व 51 मण चावल शामिल हैं।
इसी प्रकार प्रदेश के बिजली मंत्री रणजीत सिंह, जिन्होंने जनता रसोई के लिए भिवानी, रोहतक व जींद जेलों में 21 हजार लोगों की रोटी बनाने के आदेश दे रखे हैं, जो कि अपने-आप में एक मिसाल है, ने भी जनता रसोई में अब व्यक्तिगत तौर पर अनाज उपलब्ध करवाया है। उन्होंने अपनी ओर से यहां 51 मण आटा व 31 मण चावल भेजे हैं।
प्रदेश के नौकरशाहों और शिक्षाविदों ने भी जनता रसोई के लिए अपना सहयोग दिया है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा के ओएसडी रहे सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी आर.एस. दुहन ने भी अपनी ओर से जनता रसोई में 13 मण चावल व 17 मण आटा मुहैया करवाया है। वैश्य महाविद्यालय के प्राध्यापकों नरेंद्र चाहर, अनिल पिंकी, धीरज त्रिखा, संजय गोयल आदि ने भी अपनी साथियों के साथ जनता रसोई में 18 मण आटा व 6 मण दाल दी है।
भिवानी महापंचायत के संरक्षक बृजलाल सर्राफ व संयोजक सम्पूर्ण सिंह के अलावा कार्यकारिणी सदस्य रामदेव तायल, धर्मबीर नेहरा, विनोद मिर्ग, अशोक सिंगला, दीपक बंसल, कमल सिंह प्रधान आदि ने महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत का आभार व्यक्त करते हुए कहा है कि इस संकट की घड़ी में उन्होंने अपने प्रदेश के गरीबों व जरूरतमंदों की सहायता करके एक पुनीत कार्य किया है। इसके लिए महापंचायत के सभी सदस्य उनके आभारी हैं।