उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान ग्रीन कार्ड बनवाने में आने वाली दिक्कतों को देखते हुए परिवहन विभाग इस व्यवस्था को अब ऑनलाइन करने जा रहा है। इससे वाहन स्वामीको ऑनलाइन आवेदन करने और अपनी फोटो व जरूरी दस्तावेज अपलोड करने पर एक क्लिक में ही ग्रीन कार्ड मिल जाएगा।

हालांकि, यह सुविधा चालक समेत 10 सवारी क्षमता वाले वाहनों के लिए ही रहेगी। इससे अधिक यात्री क्षमता वाले वाहनों को फिटनेस कराने के लिए कार्यालय आना होगा। ग्रीन कार्ड की व्यवस्था को ऑनलाइन करने के लिए परिवहन विभाग ने नेशनल इन्फार्मेटिक सेंटर (एनआइसी) को सॉफ्टवेयर विकसित करने का जिम्मा सौंपा है।

प्रदेश में चारधाम यात्रा के दौरान यात्रा मार्ग पर संचालित होने वाले व्यावसायिक वाहनों के लिए परिवहन विभाग ग्रीन कार्ड जारी करता है। प्रतिवर्ष 15 से 20 हजार ग्रीन कार्ड जारी किए जाते हैं। ग्रीन कार्ड का अर्थ यह होता है कि संबंधित वाहन के सारे दस्तावेज पूर्ण हैं, वाहन की फिटनेस भी चेक कर ली गई है और येह पर्वतीय मार्गों पर चलने को पूरी तरह फिट है।

इसका मकसद वाहन दुर्घटना के साथ ही अवैध संचालन पर रोक लगाना है। यात्रा के दौरान विभिन्न आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में ये कार्ड बनाए जाते हैं। यात्रा सीजन में ग्रीन कार्ड बनाने के लिए वाहनों की लंबी कतारें लगती हैं।

इसके अलावा ग्रीन कार्ड बनाने को लेकर वाहन स्वामियों के बीच कई बार तीखी झड़पें भी होती हैं। राज्य के बाहर से आने वाले वाहनों को इससे काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए परिवहन विभाग ने वर्ष 2020 की चारधाम यात्रा के लिए ऑनलाइन ग्रीन कार्ड जारी करने का निर्णय लिया है।

विभाग ने यह माना है कि चालक समेत 10 सीटर क्षमता वाले वाहन की आयु कम होती है। परमिट जारी करते समय इसकी फिटनेस भी चेक होती है। ऐसे में बार-बार इसकी फिटनेस चेक कराने की जरूरत नहीं है। इन्हें बिना निरीक्षण के ग्रीन कार्ड दिए जा सकते हैं।

10 सीट से अधिक यात्री क्षमता वाले वाहनों की प्रक्रिया भी ऑनलाइन रहेगी लेकिन इनका निरीक्षण अनिवार्य रखा गया है। ऐसे वाहन स्वामी अपने जरूरी दस्तावेज ऑनलाइन जमा करने के साथ ही निरीक्षण के लिए अपने पसंद के कार्यालय और समय के लिए बुकिंग कर सकेंगे। निश्चित तिथि पर परीक्षण कराने के बाद उन्हें भी ग्रीन कार्ड जारी कर दिया जाएगा।

उप परिवहन आयुक्त एसके सिंह का कहना है कि यात्रा के दौरान आने वाले दिक्कतों को देखते हुए ग्रीन कार्ड को ऑनलाइन करने की तैयारी चल रही है। इसके लिए एनआइसी से सॉफ्टवेयर तैयार करने को कहा गया है।