देश में लगातार बढ़ते प्रदूषण के चलते लोगों को काफी समस्याओं का सामना कर पड़ रहा है। घर से बाहर निकलने में लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो रही है। प्रदूषण के चलते छाई हुई धुंध ने लोगों को प्रभावित किया है। बढ़ते प्रदूषण के चलते उत्तरी राज्यों में लगातार हवा की गुणवत्ता दूषित हो रही है। देश की राजधानी दिल्ली में स्मॉग की चादर छाई हुई है। कई इलाकों में पराली जलाने से भी विजिबिलिटी कम होती जा रही है। दिल्ली, उतर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी हवा की गुणवत्ता (Air Quality) में कोई सुधार नहीं आ रहा है। तो आइये जानते हैं कि किन-किन उत्तरी राज्यों में स्थिति गंभीर बनी हुई है।

राजधानी बनी गैस चैंबर

देश की राजधानी दिल्ली तो गैस चैंबर में तब्दील होती जा रही है। एनसीआर में हवा की गुणवत्ता (Air Quality) 400 के पार पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board) के मुताबिक, शुक्रवार सुबह दिल्ली में स्थिति खतरनाक स्तर पर पहुंच गई है। आज यानी शुक्रवार को दिल्ली के आनंद विहार इलाके में वायु गुणवत्ता स्तर 422, आरके पुरम 407, द्वारका में 421 और बवाना में 430 है। मौसम विज्ञानियों ने कहा कि अगर हालात यह रहें तो आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में गैस चैंबर जैसी स्थिति हो जाएगी। यही नहीं सभी उत्तरी राज्यों में दिवाली से पहले प्रदूषण बढ़ने की आंशका जताई गई है।

यूपी में वायु प्रदूषण

उतर प्रदेश भी वायु प्रदूषण के मामले में देश में सबसे ज्यादा प्रभावित राज्यों की लिस्ट में शामिल है। यहां के बागपत में शुक्रवार को शुक्रवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स 412 पहुंच गया। वायु प्रदूषण के चलते लोगों के परेशानी कम नहीं हो रही है। घर से बाहर निकलने में बागपत के लोगों का खराब हवा से दम घुटने लगा है।

वहीं, बरेली में भी लोगों को वायु प्रदूषण का सामना करना पड़ रहा है। यहां पर धुंध और धुएं ने लोगों को सांस लेना मुश्किल कर दिया है। बता दें कि यहां पर वायु गुणवत्ता के मानक 400 के पार तक पहुंच गया है।  ग्रीनपीस इंडिया की रिपोर्ट में भारत के सबसे प्रदूषित शहरों में छह उत्तर प्रदेश के शामिल थे। इनमें बरेली के अलावा गाजियाबाद, नोएडा, मुरादाबाद, प्रयागराज, फीरोजाबाद शामिल है।