पिछले दिनों देहरादून के धार्मिक प्रतिष्ठानों के अतिक्रमण स्वयं हटाने के लिए दिया गया समय खत्म हो होने के बाद प्रशासन की टीम ने शहर भर में हुए धार्मिक प्रतिष्ठानों के अतिक्रमण पर जेसीबी चला दी है। इससे पहले टीम द्वारा शहरभर में भ्रमण कर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई करने से पहले स्थान चिन्हित कर ले गए थे की। कुछ जगह अतिक्रमण हटाए भी जा रहे थे। बुधवार शाम तक बताया गया था कि 18 प्रतिष्ठानों के अतिक्रमण हटा दिए गए हैं। जिन प्रतिष्ठानों के अतिक्रमण नहीं हटाए गए हैं, उन्हें प्रशासन की टीम गुरुवार को हटा देगी।
राजधानी देहरादून में गुरुवार को धार्मिक प्रतिष्ठानों के अतिक्रमण पर कार्रवाई शुरू कर दी थी। रेसकोर्स बन्नू चौक के समीप हुए अतिक्रमण को ध्वस्त करने के दौरान हिंदू संगठनों ने मूर्ति हटाने के लिए जिला प्रशासन से निवेदन किया, लेकिन प्रशासन ने एक न सुनी। इसके बाद एसडीएम और हिंदू संगठन के बीच झड़प भी हुई।
इससे पहले बुधवार को उपजिलाधिकारी सदर गोपाल राम बिनवाल ने बताया कि टास्क फोर्स की बैठक में अतिक्रमण की स्थिति रखी गई। उन्होंने बताया कि दून में 22 मंदिर, छह मजार, तीन गुरुद्वारा, दो मस्जिद और एक कब्रिस्तान के अतिक्रमण चिह्नित किए गए थे। धार्मिक भावनाओं को देखते हुए इनसे संबंधित व्यक्तियों को स्वयं अतिक्रमण हटाने का अवसर दिया गया था। उपजिलाधिकारी ने कहा कि बुधवार तक जिन अतिक्रमण को हटाने की बात कही गई थी, उनका भी सत्यापन गुरुवार को किया गया। साथ ही अतिक्रमण को तत्काल प्रभाव से हटाने की कार्रवाई की गई।
इस कार्रवाई पर आम आदमी पार्टी के उत्तराखंड प्रदेश युवा नेता हिमांशु पुंडीर ने प्रशासन की इस कार्रवाई पर विरोध जताया उन्होंने कहा कि नवरात्रों के दिनों में धार्मिक स्थलों को तोड़ना उचित नहीं था। जैसे व्यापारियों को अतिक्रमण की कार्रवाई करने से पहले समय दे दिया गया था। इस प्रकार इस कार्रवाई से पहले समय दे दिया जाना चाहिए था।