शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम),मांसाहारी लोगों के लिए खुशी की खबर है | एक शोध रिपोर्ट के मुताबिक़ मांसाहार पकाने में गर्मी की अत्यंत डिग्री का प्रयोग होता है | जिसमे कोरोना या एनी किसी भी बीमारी के बैक्टीरिया ज़िंदा ही नहीं रह सकते | भारतीय खाद्य संरक्षण एवं मानक प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक़ 100 डिग्री के ऊपर खाना बनाने पर कोई भी वायरस बैक्टीरिया नहीं जिंदा रह पाता बल्कि 70 डिग्री पर ही सभी वायरस और बैक्टीरिया मर जाते हैं | रिपोर्ट के मुताबिक़ व्हाट्सएप ग्रुप पर जो भ्रांतियां फैलाई जा रही हैं खाल कर मांस मछलियों को कोरोना से जोड़कर वो गलत है | जानकारी के मुताबिक़ कोरोना वायरस का संक्रमण मांस मछलियों से जुड़ा हुआ नहीं है | भारतीय पॉल्ट्री अभी खाने के लिए सुरक्षित है | कोरोना वायरस) की वजह से लगे लॉकडाउन के कारण अगर लोग मांसाहारी होकर भी मांस-मछली का सेवन नहीं कर पा रहे हैं तो उनकी चिंता अब दूर हो गई है | सम्बंधित पशुपालन विभाग ने ये साफ़ कर दिया है कि मांस, मछली, मटन हो या अण्डा इसका सेवन करिए | कोरोना और बर्ड फ्लू की वजह से डरने की कोई ज़रूरत नहीं है | कोरोना वायरस का संक्रमण मांस मछलियों से जुड़ा हुआ नहीं है | भारतीय पॉल्ट्री अभी खाने के लिए सुरक्षित हैं ऐसे में कोरोना संक्रमण के दौरान मांस मछली खाने में कोरोंना संक्रमण का कोई संबंध नहीं है | संभावना जताई जा रही है कि इस खुलासे के बाद भारतीय बाजार में मांस बेचने की पाबंदी में छूट मिल सकेगी | यह खुलासा तब हुआ जब बिहार सरकार के कृषि सचिव एन सरवण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये जानकारी विस्तार से देते हुए बताया कि कोरोना वायरस का संक्रमण मांस मछलियों से जुड़ा हुआ नहीं है | जानकारी के अनुसार बिहार राज्य में मांस बेचने पर से पाबंदी हटा दी गयी है | इस राज्य में कृषि और पशुपालन क्षेत्र लॉकडाउन से बाहर रहेंगे |