शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :स्ट्राॅबेरी फल मानव शरीर के लिए कई प्रकार से लाभकारी हैं खासकर मनुष्य में प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाती है, जो कई प्रकार की बीमारियों से लड़ने में सहायक सिद्व होते है। स्ट्राॅबेरी अत्यन्त गुणकारी फल है, जिसमें भरपूर मात्रा में पोषक तत्व विद्यमान होते है, जोकि मनुष्य की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ पांचन तंत्र में भी कारगर सिद्व होती है ।सिरमौर के किसान देश में आड़ू, आलू बुखारा, खुमानी के उत्पादन के लिए जाने जाते हैं, लेकिन पिछले कुछ वर्षों के दौरान, स्ट्राॅबेरी ने मैदानी क्षेत्रों में बड़ी संख्या में किसानों का ध्यान आकर्षित किया है, जहाँ यह एक प्रमुख नकदी फसल के रूप में उत्पादित किया जा रहा है। बाजार में स्ट्राॅबेरी की अच्छी कीमत और मांग के कारण, लोग अब आड़ू, आलू बुखारा, खुमानी के साथ-साथ स्ट्राॅबेरी की खेती में गहरी दिलचस्पी ले रहे हैं, जो किसानों के लिए अच्छी आय का स्रोत बन रहा है।
स्ट्राॅबेरी उन फसलों में से एक है, जो जल्दी नष्ट हो जाती हैं, लेकिन साथ ही यह किसानों के लिए एक अच्छी नकदी फसल है। जिले में कोविड-19 महामारी से पहले, किसान राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे पर्यटकों और अन्य लोगों को स्ट्राॅबेरी की फसल बेचते थे या इसे अन्य राज्यों के बाजारों में बेचकर अच्छी कीमत कमाते थे। लेकिन लाॅकडाउन के कारण जिले के किसान स्ट्राॅबेरी की फसल बेचने के लिए बाहर नहीं जा सके, जिसके कारण जिले के किसानों को डर था कि उनकी फसल खेतों में ही खराब हो सकती है।इस बीच जिले के किसानों को नुकसान से बचाने के लिए स्ट्राॅबेरी की फसल को बचाने के लिए राज्य सरकार के दिशा-निर्देशों के अनुसार बागवानी विभाग सिरमौर और जिला प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाए गए। समय पर निर्णय लेते हुए, राज्य सरकार ने बागवानी विभाग और एचपीएमसी के माध्यम से किसानों की फसलों को खरीदने का फैसला किया।राज्य सरकार के निर्णय के उपरान्त बागवानी विभाग और एचपीएमसी ने खरीद केंद्र खोल कर किसानों से सीधे 38 रुपये प्रति किलोग्राम की दर सेे 120 क्विंटल से अधिक स्ट्राॅबेरी की खरीद की। बागवानी विभाग ने किसानों को नकद भुगतान कर कैनिंग यूनिट में प्रसंस्करण के लिए 84 क्विंटल और एचपीएमसी द्वारा 36 क्विंटल से अधिक स्ट्राॅबेरी खरीदी ।
लाॅकडाउन के दौरान, बागवानी विभाग ने किसानों व बागवानों को समय पर अपनी फसलों को बचाने के लिए कीटनाशक और फफंूदनाशक दवाइयां जिला के कृषि उत्पादों को बेचने वाली दुकानों के माध्यम से उपलब्ध करवाई जिसके लिए विभाग ने समय-समय पर इन दुकानदारों को कफ्र्यू पास जारी किए। इसके अलावा, विभाग के अधिकारियों ने इन दुकानों पर जाकर स्टाॅक का निरीक्षण भी किया, ताकि दुकानदार एक्सपायर अवधि की कृषि दवाइयां न बेच सकें। जिला प्रशासन और बागवानी विभाग सिरमौर द्वारा जिले के 200 से अधिक किसानों के साथ-साथ मधुमक्खी पालन व्यवसाय करने वालों के लिए कफ्र्यू पास जारी किए गए थे, ताकि वे गर्मी के मौसम में मधुमक्खियों को एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित कर सकें। इसके अलावा, जिले के मशरूम उत्पादकों को खाद खरीदने के लिए तथा पोल्ट्री फार्मों के मालिकों को बाजार में आवाजाही के लिए परिवहन पास भी जारी किए गए।
जिला सिरमौर में बड़ी मात्रा में उत्पादित अन्य फलों में खुमानी, आलू बुखारा, आड़ू आदि प्रमुख हैं। सिरमौर के राजगढ़ क्षेत्र को आड़ू के उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादन के कारण पीच घाटी के रूप में भी जाना जाता है। उत्पदकों को अपने उत्पादों को बाजार तक पहुँचाने में किसी प्रकार की असुविधा और कठिनाइयों का सामना न करना पड़ें इसके लिए बागवानी विभाग द्वारा उचित व्यवस्था की गई है। विभाग द्वारा वितरकों के माध्यम से उत्पादको को खाली पेटियां और जिला के फल उत्पादकों को सभी प्रकार के कीटनाशक और फफूंदनाशक दवाईयां भी उपलब्ध करवाई जा रही है।इसके अलावा, लाॅकडाउन के दौरान राजगढ़, बागथन, चाड़ना नर्सरी में 1.50 लाख से अधिक सेब रूट स्टाक लगाए गए हैं, जो भविष्य में जिले के बागवानों को उपलब्ध करवाए जाएंगे ताकि ऊपरी क्षेत्रों में अच्छी गुणवत्ता वाले सेब का उत्पादन किया जा सके।