शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम):प्रदेश में चल रहे बीपीएल फर्जीवाड़ा पर विभिन्न वर्गों द्वारा विजिलैंस जांच की सरकार से मांग की जा रही है । कसुंपटी  क्षेत्र के बुद्धिजीवी एवं वरिष्ठ नागरिक विश्वानंद ठाकुर,  महेश  इंद्र ठाकुर, विश्वबंधु जोशी,  रामसरन, देवेन्द्र कुमार, प्रीतम  ठाकुर,ं ठाकुर, बलदेव पुरी , दिनेश कुमार सहित अनेक लोगों को कहना है बीपीएल के नाम पर प्रदेश में बहुत बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है तथा बीपीएल सूचियों की विजिलैंस जांच की जानी चाहिए। इनका कहना कि खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा केवल 125 सरकारी अधिकारियों व कर्मचारियों को बेनकाब किया गया है परंतु ग्रामीण क्षेत्रों में असंख्य ऐसे समृद्ध परिवार बीपीएल सूची में दर्ज है जिनको बेनकाब किया जाना जरूरी है ताकि पात्र गरीब व्यक्ति का बीपीएल में नाम दर्ज हो सके ।
वरिष्ठ नागरिक विश्वानंद ठाकुर का कहना है कि बीपीएल का चयन ग्राम सभा के माध्यम से नहीं होना चाहिए । क्योंकि ग्रामसभा में समृद्ध परिवारों का दबादबा बना रहता है और गरीबों की फरियाद अनसूनी हो जाती है । समृद्ध परिवारों द्वारा बीपीएल में शामिल होने के लिए अनेक प्रकार के हथकंडे अपनाए जाते हैं और  संयुक्त परिवार  होते हुए भी अपने वारिसों  के अलग अलग राशन कार्ड बनाए गए है। यही नहीं गृहिणी सुविधा योजना के तहत अनेक समृद्ध परिवारों ने मुफ्त में रसोई गैस कुनेक्शन प्राप्’त करने के अलावा पीडीएस का मुफ्त राशन भी लिया जा रहा है । बुद्धिजीवी वर्ग का सुझाव है कि बीपीएल के चयन के लिए  जिला व उप मंडल स्तर के प्रशासनिक अधिकारी के नेतृत्व में एक विशेष  टीम गठित की जानी चाहिए जो घर घर जाकर सर्वे करे और समाज के गरीब परिवारों का चयन दलगत राजनीति से उपर उठकर किया जाए ।
खंड विकास अधिकारी मशोबरा बीआर वर्मा ने बताया कि बीपीएल में चयन का अधिकार ग्राम सभा को है और  बीपीएल की सूचियों की  हर वर्ष समीक्षा की जाती है । इनका कहना है कि ग्राम सभा में लोगों को समृद्ध व्यक्तियों को बीपीएल से बाहर करने बारे मामला उठाना चाहिए परंतु ऐसा नहीं होता है जिस कारण बीपीएल लिस्टें यथावत रहती है ।