नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम)  विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा पूर्व में विश्व स्तर पर भारत को लेकर गलती मानना एक बड़ा सवाल खडा कर रहा है | बहरहाल इसे बड़ी गलती कहेंगें या अंतर्राष्ट्रीय राजनीती इसे अब भारत सरकार को तय करना है | जानकारी के अनुसार विश्व स्वास्थ्य संगठन  ने साफ कर दिया है कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा नहीं है | डब्ल्यूएचओ ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर जो रिपोर्ट तैयार की गई थी उसमें थोड़ी गलती हो गई और भारत को भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन में दिखा दिया गया | उन्होंने साफ करते हुए कहा कि भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा नहीं है जबकि भारत में क्लस्टर ऑफ केस बढ़े हैं | विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से सफाई देते हुए कहा गया है कि भारत में कुछ इलाकों में कोरोना से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी है, जिसे क्लस्टर ऑफ केस कहा जाता है | रिपोर्ट में गलती से कम्युनिटी ट्रांसमिशन का जिक्र किया गया, जिससे भारत में कोरोना को लेकर डर देखा गया | गौरतलब है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट सामने आने के बाद भारत ने अपना विरोध दर्ज कराया था और बताया था कि भारत में कोरोना वायरस तीसरे स्टेज में नहीं पहुंचा है | स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि भारत में कोरोना वायरस के 6,412 मामले हैं, जिनमें 199 मौतें हुई हैं | रिपोर्ट के मुताबिक पिछले 24 घंटों में 33 लोगों की मौत कोरोना वायरस की वजह से हुई है | विशेषज्ञों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 21 दिनों के लॉकडाउन का ही असर है कि भारत में कोरोना वायरस तेजी से नहीं फैल सका | यही नहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को हुई बैठक में भी कहा कि अभी तक भारत में कम्युनिटी ट्रांसमिशन का खतरा पैदा नहीं हुआ है | उन्होंने बताया कि लगभग 600 जिलों में से 400 जिले कोरोना से प्रभावित नहीं हैं | उन्होंने बताया कि 133 जिलों को हॉटस्पॉट किया गया है और वहां पर विशेष नजर रखी जा रही है |