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चण्डीगढ़, 18 अक्टूबर – हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि मानव को सुख, शांति और आनंद की प्राप्ति के लिए नियमित रूप से राम-नाम का जाप करना चाहिए। इस राम-नाम के जाप को घर-घर तक पहुंचाने के लिए धार्मिक और समाज सेवी संस्थाओं को प्रयास करने होंगे। इस प्राचीन संस्कृति और सभ्यता को सहेजने का काम गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज बखूबी कर रहे हैं। इन्हीं प्रयासों से ही धर्मक्षेत्र-कुरुक्षेत्र में पहली बार अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव-2023 का आयोजन किया जा रहा है।

राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय गत देर सायं कुरुक्षेत्र के गीता ज्ञान संस्थानम केंद्र में अंतरराष्ट्रीय रामलीला महोत्सव-2023 के तीसरे दिन के कार्यक्रम का शुभारंभ करने के उपरांत बोल रहे थे।

राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि हमारे समाज में बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के जीवन की गाथा का रामलीला उत्सव के रूप में उन्हें याद करना बेहद धार्मिक एवं प्रेरणादायक महत्वपूर्ण कार्य है। इस मंचन के द्वारा आज के युवा पीढ़ी को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के संघर्ष, समर्पण, त्याग व तपस्या से परिपूर्ण, जीवन शैली, आदर्शों, सिद्धांतों, नैतिक मूल्यों, मानव कल्याण के लिए किए गए कार्यों के बारे में प्रेरित तथा देश की महान संस्कृति और सभ्यता से अवगत कराना है।

इस धार्मिक कार्यक्रम के आयोजन के लिए मैं गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद महाराज एवं रामलीला उत्सव कमेटी के पदाधिकारियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूंं।

हमारे धार्मिक ग्रंथ रामायण से हमें एक अच्छा भाई, अच्छा पुत्र, अच्छा पति, अच्छा शासक व अच्छा मित्र बनने की प्रेरणा मिलती है। हमें ऐसे पावन ग्रन्थ से प्रेरणा लेकर स्वार्थ त्याग कर तथा दया, प्रेम व सहयोग की भावना से जीवन जीएं तो यह धरती स्वर्ग का स्वरूप ले सकती है। हम सबके लिए गर्व की बात है कि हमारी आस्था, श्रद्धा, विश्वास का प्रतीक राम मंदिर के निर्माण की देखरेख श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र द्वारा की जा रही है।