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नई दिल्ली,  मुस्लिम समाज और केंद्र सरकार के बीच भ्रम दूर करने की बड़ी पहल की गई है। इस कड़ी में मुस्लिम समुदाय के 16 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने कल मंगलवार देर रात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने गृह मंत्री से यह मुलाकात जमीयत उलेमा ए हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी के नेतृत्व में की।

14 बिंदुओ पर हुई बात

जानकारी के मुताबिक, इसमें विभिन्न राज्यों के मुस्लिम धार्मिक गुरु और बुद्धिजीवी शामिल हुए थे। गृह मंत्री के आवास पर करीब डेढ़ घंटे तक यह बैठक चली। जमीयत के शीर्ष पदाधिकारियों के अनुसार, इस मुलाकात के दौरान 14 बिंदुओ पर बातचीत हुई है। सरकार की ओर से कई मुद्दों पर मुस्लिम समाज का भ्रम दूर किया गया है तो कई मुद्दों पर अमित शाह ने कार्रवाई का भरोसा दिया है।

इस बातचीत में मौजूदा वक्त में रामनवमी जुलूस के दौरान देश के कई हिस्सों में हुई हिंसा, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में मॉब लांचिंग की घटनाएं और कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण खत्म करने जैसे मामले उठाए गए।

इसी तरह समान नागरिक संहिता, नागरिकता संशोधन कानून (सीएए), सेम जेंडर मैरिज समेत अन्य मामले भी उठे। इनमें कश्मीर में अनुच्छेद-370 हटाने का मामला भी उठाया गया। इस दौरान तय हुआ कि नागरिकता संशोधन कानून पर आगे विस्तार से बैठक की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण को लेकर मुस्लिम समाज के भ्रम को दूर किया। साथ ही मदरसों में आधुनिक शिक्षा पर जोर दिया। इसी तरह मॉब लांचिंग के मामलों पर भरोसा देते हुए कहा कि अगर कहीं किसी राज्य में कार्रवाई में कमी की शिकायत है तो उन मामलों की सूची सौंपे। ऐसे मामलों की जांच कर कार्रवाई होगी।