नाहन,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : चर्चित मेडिकल उपकरण घोटाले में स्वास्थ्य निदेशक अजय कुमार गुप्ता को आसानी से जमानत मिलने के बाद विपक्ष ने कड़े तेवर अपना लिए हैं | हिमाचल प्रदेश कांग्रेस समिति के सचिव विश्वराज चौहान ने स्पष्ट कहा है कि राज्य सरकार मामले को सरासर दबाने का प्रयास कर रही है | उन्होंने मामले की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में करवाए जाने की मांग की है | उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा मामले की जांच किसी स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई या न्यायालय के अंतर्गत नहीं करवाई गयी है | जिससे आशंका है कि लोक डाउन का अनुचित लाभ उठा कर इसी प्रकार के कई घोटालों को अंजाम दिया जा सकता है | चौहान ने कहा कि राज्य सरकार मेडिकल उपकरण घोटाले में उचित जांच करने में जानबूझकर विफल रही है।
परिणामस्वरूप आरोपी डॉ. अजय कुमार गुप्ता आज जमानत पर रिहा प्राप्त करने में सफल रहे। यह स्पष्ट रूप से मामले से जुड़े राजनीतिक नेताओं को इस घोटाले से बचाने के लिए किया गया है। विश्वराज चौहान ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपनाया गया रवैया दिनांक 27/05/2020 को जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति की आशंकाओं की पुष्टि करता है, जिसमे आशंका व्यक्त करते हुए प्रकाशन हुआ था कि राज्य सरकार इस मामले को कवर करने का प्रयास करेगी और जांच निष्पक्ष नहीं होगी। चौहान ने कहा कि दुखद बात है कि भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की उम्मीद करना आम जनता के लिए एक गंभीर झटका बनकर आया है।
चौहान ने कहा कि इस घटना के बाद भी एक और सेनिटायर्स की खरीद घोटाला के बारे में पता चला है और ऐसा प्रतीत होता है कि भाजपा सरकार लॉकडाउन का अनुचित लाभ उठाकर सार्वजनिक धन का गबन करने के लिए घोटालों का प्रयास कर रही है, क्योंकि लोग विरोध करने के लिए सड़कों पर नहीं आ सकते। यह मामला राष्ट्रीय मीडिया में प्रमुखता से उठाया और हिमाचल राज्य के लिए शर्म की वजह बना है। राज्य सरकार राज धर्म का पालन करने में विफल रही है। चौहान ने कहा कि कांग्रेस की मांग है कि चिकित्सा उपकरणों की खरीद से संबंधित सभी जांच सीबीआई या को सौंपी जाए या जांच की निगरानी उच्च न्यायालय द्वारा की जानी चाहिए जैसा कि गुडिय़ा मामले में किया गया था।