शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम)राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज प्रदेश के राजकीय तथा निजी विश्वविद्यालयों के आठ कुलपतियों के साथ वीडियो काॅन्फ्रेंस की। उन्होंने ऑनलाइन लर्निंग माॅड्यूल्स और सूचना प्रौद्योगिकी के उपयोग के साथ-साथ लोगों तक जागरूकता संदेश पहुंचाने के लिए अन्य तरीकों से कोविड-19 को फैलने से रोकने के लिए सरकारी स्तर पर उठाए जा रहे कदमों में योगदान देने पर चर्चा की।
आज सभी कुलपतियों ने राज्यपाल को कोविड-19 के दृष्टिगत लाॅकडाउन तथा उनके द्वारा की गई विभिन्न पहलों के बारे में जानकारी दी। काॅन्फ्रेंस के दौरान इस बात पर सर्वसम्मति जाहिर की गई कि इस महामारी से लड़ने में किसी भी तरह की कोताही न बरती जाए। इस संदर्भ में राज्यपाल ने कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में जनता की एकता को दर्शाने के लिए आगामी रविवार को रात 9 बजे सभी लाईटें बंद करने तथा इसके अलावा मोबाईल फ्लैश लाईट, टाॅर्च या दीपक जलाने की प्रधानमंत्री की अपील का समर्थन किया। हालांकि उन्होंने लोगों से सामाजिक दूरी बनाए रखने तथा सुरक्षा उपायों में ढील न बरतने पर भी बल दिया।
राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश में लाॅकडाउन के उपरांत उन्होंने कुछ कुलपतियों से बातचीत की तथा उनके द्वारा दिए गए सुझावों तथा भावी रणनीतियों पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज हम पुनः वर्तमान स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं, ताकि हम इस महामारी से लड़ सकें तथा विद्यार्थियों की पाठ्य प्रणाली को भी तैयार कर सकें। उन्होंने कहा कि इस स्थिति में आॅनलाईन शिक्षा ही एकमात्र विकल्प है तथा इस विकल्प को सकारात्मक रूप से अपनाया जाना चाहिए, ताकि क्लास कोर्स पूरे किए जा सकें। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग द्वारा विभिन्न ऑनलाइन स्टडी साईट्स तैयार की गई हैं । इन साईटों के उपयोग से विद्यार्थी घर से ही पढ़ाई कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने स्तर पर उपलब्ध पाठ्न सामग्री को ऑनलाइन स्टडी साफ्टवेयर, सोशल नेटवर्किंग साईट, ई-मेल, वीडियो काॅन्फ्रेंस, व्हाट्सएप के माध्यम से उपलब्ध करवा सकते हैं , ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित न हो।
बंडारू दत्तात्रेय ने स्वयंसेवी विद्यार्थियों के माध्यम से सामाजिक कार्य तथा सामाजिक दूरी पर बल दिया। उन्होंने विद्यार्थियों की एक सूची बनाने के निर्देश दिए, जो स्वयंसेवियों के तौर पर कार्य कर सकें।
उन्होंने कहा कि इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में अब तक हमारे सभी प्रयास सही दिशा में उठाए गए हैं। उन्होंने कुलपतियों को सुझाव दिया कि उन्हें सामूहिक कक्षाओं पर अधिक ध्यान देना चाहिए तथा छात्रावासों में रह रहे विद्यार्थियों के खाने व स्वास्थ्य की विशेष देखभाल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रशासन को विश्वास बनाए रखना चाहिए कि इन विद्यार्थियों के अभिभावकों के साथ नियमित रूप से टेलीफोन के माध्यम से बातचीत होती रहे। उन्होंने ऑनलाइन वार्तालाप पर बल देते हुए कहा कि शिक्षकों तथा विद्यार्थियों में बातचीत होनी चाहिए। उन्होंने सूचना प्रदान करने तथा आरोग्य सेतू मोबाईल ऐप के प्रयोग पर भी बल दिया।
बैठक में बताया गया कि सभी विश्वविद्यालयों में राष्ट्रीय सेवा योजना तथा राष्ट्रीय कैडेट कोर के विद्यार्थी स्वयंसेवी कार्य कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के कैलेंडर को संशोधित किया गया है तथा ऑनलाइन शिक्षण को बढ़ाया गया है। विद्यार्थियों को ऑनलाइन पाठ्यक्रम सामग्री प्रदान की जा रही है तथा उनकी समीक्षा भी की जा रही है।
राज्यपाल के सचिव राकेश कंवर ने काॅन्फ्रेंस का संचालन किया।
डाॅ. वाई.एस. परमार बागवानी एवं वाणिकी विश्वविद्यालय नौणी, सोलन के कुलपति डाॅ. परमिन्द्र कौशल, चैधरी सरवन कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति प्रो. ए.के. सरयाल, ए.पी. गोयल विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. रमेश कुमार चैधरी, एटर्नल विश्वविद्यालय बड़ू साहिब सिरमौर के कुलपति डाॅ. एच.एस. धालीवाल, अभिलाषी विश्वविद्यालय मण्डी के रजिस्ट्रार, चितकारा विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. वीरेन्द्र कंवर, कैरियर प्वाइंट विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ. के.एस. वर्मा तथा बद्दी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टी.आर. भारद्वाज ने काॅन्फ्रेंस में भाग लिया।