बीजिंग। चीन में उइगर मुसलमानों का लगातार उत्पीड़न हो रहा है। हालिया रिपोर्ट्स में तो दावा किया गया है कि चीनी सरकार कैंप में बंद उइगर मुस्लिमों के अंग निकालकर कोरोना पीड़ितों का इलाज कर रही है। अमेरिकी सीनेट ने एक प्रस्ताव पारित कर चीन से उइगर मुसलमानों पर हो रहे जुल्म पर चीन से जवाब मांगा है। अमेरिका की सीनेट में ये प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित हो गया है और अब इसे संसद के निचले सदन हाउस ऑफ़ रिप्रेज़ेन्टेटिव में पेश किया जाएगा। अमेरिकी सीनेट में पेश प्रस्ताव में कैंप में बंद उइगर मुस्लिमों के अलावा कई अन्य अल्पसंख्यकों समूहों पर चीन में हो रहे उत्पीड़न पर जिनपिंग सरकार से जवाब मांगा गया है। कोरोना वायरस महामारी के लिए अमरीका चीन को ज़िम्मेदार मानता है और इस विधेयक को दोनों देशों के बीच शुरू हुए तकरार का ही हिस्सा माना जा रहा है।
यह विधेयक चीन के शिनजियांग शहर में तुर्क मुसलमानों के मानवाधिकारों के उल्लंघन की निंदा करता है और इन मुसलमानों के साथ चीन में हो रही मनमानी और उत्पीड़न को समाप्त करने का आह्वान करता है। चीन कहता है कि वो अपने यहां चरमपंथियों के ख़िलाफ़ जारी जंग की वजह से ऐसा कर रहा है। पिछले वर्ष ऐसी कई रिपोर्टें आई थीं, जिनमें दावा किया गया था कि चीन ने आतंकवाद और धार्मिक चरमपंथ से लड़ने के बहाने दस लाख जातीय वीगर और अन्य तुर्क मुसलमानों को ‘शिविरों’ में रखा जहाँ कथित तौर पर उनका ब्रेन वॉश किया जाता है। इसके लिए चीन की काफ़ी आलोचना भी हुई थी।