नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : तब्लीगी जमात और उसके मुखिया मौलाना साद की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने शुक्रवार को कहा कि उसने तब्लीगी जमात के आयोजकों के खिलाफ प्रारंभिक जांच (पीई) दर्ज की है।
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक, एजेंसी ने तब्लीगी जमात के आयोजकों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ एक शिकायत के बाद पीई दर्ज की है, जिसमें आरोप लगाया गया है कि आयोजक और संगठन के ट्रस्टी अवैध या अनुचित तरीकों से संदिग्ध विदेशी धन और नकद लेनदेन में लिप्त रहे हैं।
सूत्रों ने यह भी कहा कि तब्लीगी जमात ने अधिकारियों को विदेशी धन की प्राप्ति का खुलासा नहीं किया। एंजेसी की ओर से विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) का उल्लंघन करते हुए प्राप्त धन की जांच करने के संबंध में पीई दर्ज की गई है। इस साल अप्रैल में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जमात प्रमुख मौलाना साद, तब्लीगी जमात और अन्य से जुड़े ट्रस्टों के खिलाफ धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत धन शोधन का मामला दर्ज किया था।धोखाधड़ी के मामले में साक्ष्य जुटाने की प्रक्रिया प्रारंभिक जांच (पीई) से ही शुरू की जाती है।
अगर पीई में जांच के लिए कोई ठोस आधार मिलता है तो पीई को एफआईआर में तब्दील कर दिया जाता है।ईडी तब्लीगी जमात और उसके पदाधिकारियों के वित्त और लेनदेन पर काम कर रही है और उसने बैंकों व वित्तीय खुफिया एजेंसियों से विभिन्न दस्तावेज भी प्राप्त किए हैं। एजेंसी द्वारा दिल्ली पुलिस की ओर से दर्ज की गई एक प्राथमिकी के आधार पर मामला दर्ज किया गया था।सीबीआई द्वारी की गई इस कार्रवाई से एक दिन पहले ही दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने तब्लीगी जमात मामले में 12 नए आरोप पत्र दायर किए थे। इनमें 541 विदेशी नागरिकों के नाम भी दर्ज किए गए हैं।
मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट तान्या बेमनीवाल के समक्ष 12,000 पन्नों की चार्जशीट दायर की गई है। उन्होंने इस मामले की सुनवाई के लिए 29 जून की तारीख तय की है।अब तक अपराध शाखा ने मामले में 900 से अधिक विदेशी नागरिकों का नाम शामिल किए हैं। उन पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), महामारी रोग अधिनियम, आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 और सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधात्मक आदेशों के उल्लंघन जैसे आरोप लगाए गए हैं। उन पर वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप भी लगाया गया है। सरकार ने उनका वीजा रद्द कर दिया है और उन्हें ब्लैकलिस्ट कर दिया है।