नई दिल्ली,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : थल सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवाने ने कहा है कि पाकिस्तान अब भी भारत में आतंकियों को धकेलने के अपने अदूरदर्शी और तुच्छ एजेंडे पर काम कर रहा है। जब तक वह सरकार प्रायोजित आतंकवाद की अपनी नीति नहीं छोड़ता, हम उचित और सटीक जवाब देना जारी रखेंगे। थल सेना प्रमुख ने कहा कि भारत संघर्ष विराम का उल्लंघन और आतंकवाद का समर्थन करने वाले सभी कृत्यों का करारा जवाब देगा। हंदवाड़ा मुठभेड़ पर उन्होंने कहा कि भारत को अपने उन पांच सुरक्षाकर्मियों पर गर्व है जिन्होंने उत्तर कश्मीर के एक गांव में आतंकियों से आम नागरिकों की जान बचाते हुए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। उन्होंने कर्नल आशुतोष शर्मा की खास तौर पर सराहना की, जिन्होंने उस ऑपरेशन का नेतृत्व किया। उन्हों्ने कहा कि देश को विशेष रूप से कमांडिंग ऑफिसर के कार्यों पर गर्व है, जिन्होंने मोर्चे से अगुआई की और यह सुनिश्चित किया कि पूरे ऑपरेशन के दौरान कोई भी नागरिक हताहत या सामूहिक नुकसान न हो। हंदवाड़ा ऑपरेशन में शहीद होने वालों में कर्नल आशुतोष शर्मा के अलावा अन्य जवानों में मेजर अनुज सूद, नायक राजेश, लांस नायक दिनेश और जम्मू-कश्मीर पुलिस के उपनिरीक्षक सगीर अहमद पठान उर्फ काजी शामिल थे। उन्होंअने कहा कि मैं इस अवसर पर अपने वीर-जवानों के परिवारों को यह बताना चाहता हूं कि पूरी सेना बिरादरी को उनकी वीरता पर बहुत गर्व है और आपको विश्वास दिलाते हैं कि इस अत्यंत कठिन समय में हम आपके साथ एकजुटता से खड़े हैं। जनरल नरवाने ने कहा कि क्षेत्र में शांति बहाल करने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है। जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास घुसपैठ के हालिया प्रयासों से स्पष्ट है कि पाकिस्तान की दिलचस्पी कोविड-19 से मुकाबला करने में नहीं है और वह अभी भी आतंकियों को भारत में धकेलने के अपने अदूरदर्शी और तुच्छ एजेंडे पर काम कर रहा है। अपनी सरकार और सेना द्वारा पाकिस्तानी नागरिकों को कम प्राथमिकता देना (कोरोना वायरस के) मामलों में तेजी से वृद्धि और पाकिस्तान में चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी से स्पष्ट है। थल सेना प्रमुख ने कहा कि दक्षेस वीडियो सम्मेलन के दौरान भी पाकिस्तान की संकीर्णता पूरी तरह से प्रदर्शित हुई थी, जब उसने उस मंच का उपयोग अपने नागरिकों को महामारी से सुरक्षित रखने के तरीके खोजने के बजाय कश्मीर में मानवाधिकारों के बेबुनियाद उल्लंघन की शिकायत करने के लिए किया था। पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम के उल्लंघन की बढ़ती घटनाओं से स्पष्ट है कि यह विश्व समुदाय के लिए खतरा है और अपने ही नागरिकों को राहत मुहैया कराने में उसकी कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी सेना संघर्ष विराम का उल्लंघन करते हुए नियंत्रण रेखा पर मासूम नागरिकों को निशाना बनाती है। वास्तव में पाकिस्तान द्वारा आतंकी सूची से कट्टर आतंकियों के नाम हटाने से साबित होता है कि वह अब भी सरकारी नीति के एक औजार के रूप में आतंकवाद का इस्तेमाल करने में विश्वास करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान अब भी न सिर्फ भारत के अंदर, बल्कि अफगानिस्तान में भी आतंकवाद और हिंसा को बढ़ावा देने के लिए छद्म रूप से काम कर रहा है। अफगान सुरक्षाबलों के खिलाफ अचानक हिंसा में वृद्धि से मादक पदार्थो की तस्करी और मनीलॉन्ड्रिंग के संकेत मिलते हैं।