शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) :उच्च न्यायालय ने कोविड -19 महामारी से सुरक्षा के लिए 108/102 एंबुलेंस में तैनात कर्मचारियों को व्यक्तिगत सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराने के मुद्दे पर हिप्र सरकार के मुख्य सचिव, प्रधान सचिव (स्वास्थ्य) और प्रबंध निदेशक, जीवीके-ईएमआरआई, धरमपुर को नोटिस जारी किया है। मुख्य न्यायाधीश एल.नारायण स्वामी और न्यायमूर्ति ज्योत्सना रेवल दुआ की एक खंडपीठ ने ये आदेश एच.पी. 108/102 संविदा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष पूरन चंद,द्वारा मेल के माध्यम से माननीय उच्च न्यायालय को प्रेषित की गयी एक जनहित याचिका पर संज्ञान लेते हुए पारित किए।
आवेदक ने आरोप लगाया था कि 108/102 एम्बुलेंस में तैनात कर्मचारी कोविड -19 संकट के दौरान भी अपनी सेवाएं चौबीसों घंटे प्रदान कर रहे हैं, लेकिन जीवीके-ईएमआरआई उनके साथ व्यक्तिगत जीवन सुरक्षा किट उपलब्ध नहीं कराकर उनके साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने आगे आरोप लगाया है कि कुछ एम्बुलेंस में, कंपनी ने केवल दो किट प्रदान की हैं और एक कर्मचारी द्वारा उपयोग की जाने वाली किट का उपयोग किसी अन्य कर्मचारी द्वारा बिना सेनेटाईज के नहीं किया जा सकता है, लेकिन उन वाहनों के कर्मचारियों को केवल उन किटों का उपयोग करने के लिए निर्देशित किया गया है और कोई उपाय कंपनी द्वारा उन किटों को निष्फल करने के लिए प्रदान नहीं किया गया है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया है कि अगर कोई कर्मचारी कोविड -19 पॉजिटिव मरीज के संपर्क में आता है, तो चेन को तोड़ने के बजाय महामारी आग की तरह फैल जाएगी।

याचिकाकर्ता ने उत्तरदाताओं को 108/102 एम्बुलेंस में तैनात सभी कर्मचारियों को जल्द से जल्द निजी जीवन सुरक्षा किट प्रदान करने और उनके द्वारा इस्तेमाल किए गए वाहनों की सफाई के लिए उपाय करने की अपील की है।
माननीय न्यायालय ने मामले में 1 मई 2020 सुनवाई के लिए अगली तारीख मुकर्रर की है।

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