उत्तराखंड में पंचायत चुनाव के लिए पुलिस ने भी सुरक्षा व्यवस्था का खाका तैयार कर लिया है। इसके लिए 15 हजार पुलिस फोर्स का चार्ट तैयार किया गया है। 27 सितंबर को 12 जनपदों के एसपी और एसएसपी की ब्रीफिंग के बाद फोर्स तैनाती को अंतिम रूप दिया जाएगा। इसी दिन संवेदनशील और अतिसंवेदनशील बूथों का भी निर्धारण हो जाएगा।

 त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि के बाद पुलिस ने भी तैयारी शुरू कर दी है। पुलिस की पंचायत चुनाव सेल ने जनपदवार फोर्स का खाका तैयार किया है। इसमें सीमांत जनपदों वाले बूथों पर ज्यादा सुरक्षा तैनात करने का निर्णय लिया गया है। इसमें संवेदनशील और अति संवेदनशील बूथों पर सुरक्षा दोगुनी रहेगी। खासकर पिछले साल चुनाव जीतने और हारने वाले प्रत्याशियों से लेकर वर्तमान में चुनाव मैदान में खड़े होने वाले प्रत्याशियों का रिकॉर्ड देखकर सुरक्षा व्यवस्था का चार्ट तैयार किया गया है।

पुलिस महानिदेशक अपराध एवं कानून व्यवस्था अशोक कुमार ने बताया कि 12 जिलों में 15 हजार पुलिस फोर्स सुरक्षा में तैनात रहेगी। इसमें छह हजार पुलिस, छह हजार होमगार्ड, पीआरडी जवान, तीन हजार यानि 24 कंपनी पीएसी तैनात की जाएगी। इसके अलावा इंस्पेक्टर, डीएसपी भी चुनाव ड्यूटी में सेक्टर, जोनल मजिस्ट्रेट की भूमिका में तैनात किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 27 सितंबर को सभी एसपी और एसएसपी को मुख्यालय बुलाया गया है। यहां ब्रीफिंग के बाद चुनाव को अंतिम रूप दिया जाएगा।

फायर और एसडीआरएफ भी तैनात 

पंचायत चुनाव में पैदल दूरी वाले मतदान केंद्रों पर एसडीआरएफ और फायर पुलिस को भी तैनात किया जा रहा है। 10 किमी से ज्यादा पैदल दूरी वाले बूथों पर एसडीआरएफ की तैनाती अनिवार्य की जाएगी। ताकि पोलिंग पार्टियों आने-जाने में मदद मिल सके। इसी तरह फायर कर्मियों को भी चुनाव ड्यूटी में तैनात किया जाएगा।

पुलिस के पास रहेंगे लाइसेंसी शस्त्र

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न होने तक यानि 23 अक्टूबर तक निजी लाइसेंसी शस्त्र जमा कराना होगा। इसके लिए पुलिस थाना-चौकी के अलावा अधिकृत शस्त्र व्यवसायी के यहां सेफ कस्टडी में शस्त्र रख सकते हैं। पुलिस को इस आदेश का प्रभावी रूप से पालन कराने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि चुनाव शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न हो सके।

देहरादून के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने बताया कि जनपद के सभी शस्त्र लाइसेंसधारी चुनाव संपन्न होने तक अपने शस्त्र अनिवार्य रूप से पुलिस के पास जमा करा दें। उन्होंने कहा कि चुनाव के दौरान निजी लाइसेंस रखना पूरी तरह से कानून का उल्लंघन होगा। इसके लिए पुलिस को भी लाइसेंसी शस्त्रों को शत-फीसद थाना-चौकी में जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं।

लाइसेंसी शस्त्रधारक नजदीकी अधिकृत शस्त्र व्यवसायी के पास भी सेफ कस्टडी में अपने लाइसेंसी शस्त्र को जमा करा सकते हैं। हालांकि, जिलाधिकारी ने बताया कि बैंकों की सुरक्षा में तैनात गार्ड को इस व्यवस्था से मुक्त रखा गया है।

सुरक्षा की दृष्टि से ऐसे शस्त्र धारियों की सूची संबंधित पुलिस थाना से मांगी गई है। ताकि पुलिस को भी जानकारी रहे कि किस को शस्त्र रखने की अनुमति रहेगी। यह व्यवस्था 23 अक्टूबर तक जनपद में प्रभावी रूप से लागू रहेगी। इसका उल्लंघन करने पर संबंधित शस्त्रधारी का लाइसेंस भी निरस्त किया जाएगा।

पंचायत चुनाव में लग रही दिव्यांगों की ड्यूटी

पंचायत चुनाव में दिव्यांग कर्मचारियों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। इसको लेकर दिव्यांग कर्मियों में आक्रोश है। उन्होंने दिव्यांग कर्मियों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त करने की मांग की है।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में 905 पोलिंग स्टेशन हैं। हर स्टेशन पर पांच कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई जानी है। इस तरह 4525 कर्मी बूथ पर तैनात होंगे। जबकि आरओ, एआरओ, पंचस्थानी कंट्रोल रूम समेत छह से सात सौ कर्मी की जरूरत है। वहीं 30 फीसद कर्मी रिजर्व में रखे जाएंगे।

कुल सात-साढ़े सात हजार कर्मी की पंचायत ड्यूटी में जरूरत है। कर्मियों की हर विभाग से सूची मांगी गई थी। इधर चुनाव में कई दिव्यांग कर्मियों की भी ड्यूटी लगा दी गई है। इसको लेकर दिव्यांग कर्मी हैरान और परेशान हैं। उन्होंने जिला निर्वाचन अधिकारी और जिला पंचस्थानी अधिकारी से दिव्यांगों को चुनाव ड्यूटी से मुक्त रखने की मांग की है।

जिला पंचस्थानी अधिकारी सुशील जोशी ने बताया कि यदि किसी दिव्यांग कर्मी के नाम के आगे दिव्यांग नहीं लिखा गया होगा तो अनजाने में ड्यूटी लगा दी गई होगी। यदि किसी दिव्यांग कर्मी की ड्यूटी लगी है तो वह कार्यालय में आकर प्रार्थना पत्र दे, उसको तुरंत ड्यूटी से मुक्त किया जाएगा।

महिला कर्मियों की सुगम में लगाई जाए ड्यूटी

राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने महिला कर्मियों की ड्यूटी सुगम बूथों पर लगाने की मांग की है। संघ जिलाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह कृपाली ने जिला अधिकारी सी रविशंकर को ज्ञापन सौंप कर कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में बेसिक में कार्यरत शिक्षिकाओं की दुर्गम क्षेत्रों में ड्यूटी लगा दी गई है इससे उन्हें परेशानी होगी। उन्होंने सुगम क्षेत्रों में ड््यूटी लगाने की मांग की है।

साहब इलाज कराना है ड्यूटी हटा दो

पंचायत चुनाव से ड्यूटी कटवाने को कर्मचारी तरह-तरह के बहाने बनाने के साथ सिफारिशें लगवा रहे हैं। कोई ससुर का दिल्ली में उपचार कराने, कोई मां, बच्चों का तो कोई हाई बीपी और बीमारी का पर्चा दिखाकर ड्यूटी कटवा रहा है। कुछ तो अधिकारियों से रिश्ते-नाते निकाल कर ड्यूटी हटवाने की सिफारिश कर रहे हैं।