शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): हिमाचल में 2500 रुपये मासिक आय वाले लोग बीपीएल की श्रेणी में नहीं आ सकते हैं। अगर परिवार में व्यक्ति सरकारी नौकरी में हो, तो वह भी इसके लिए पात्र नहीं है। विधानसभा में विधायक कर्नल इंद्र सिंह की ओर से पूछे पर प्रश्न के उत्तर में मंत्री ने बीपीएल होने की गाइडलाइन का ब्योरा रखा। पंचायती राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री वीरेंद्र कंवर ने बताया कि हिमाचल में इस समय 2,61,423 लोग बीपीएल में हैं। अंत्योदय और अन्य गरीब श्रेणी की संख्या अलग है। जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा 52,650 लोग बीपीएल में हैं। जिला लाहौल-स्पीति अमीर जिला है। यहां बीपीएल परिवार 1560 हैं। मंत्री ने लिखित उत्तर में 13 बिंदु बीपीएल में शामिल होने वाले परिवारों के बताए हैं। अगर व्यक्ति इन गाइडलाइन के विपरीत बीपीएल में शामिल किया जाता है तो, पंचायत सचिव और प्रधान पर कानूनी कार्रवाई की जाती है। ऊर्जा मंत्री सुखराम चौधरी ने बताया है कि एक जुलाई 2020 से सब्सिडी की राशि में कटौती के चलते घरेलू उपभोक्ताओं की ओर से उपयोग की जाने वाली बिजली की दरों में वृद्धि हुई है। सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं की उपदान राशि में बदलाव के कारण प्रति यूनिट लगभग 50 पैसे की बचत हो रही है जोकि लगभग 110 करोड़ रुपए प्रति वर्ष बनता है। अनुदान की राशि में कटौती कोविड-19 के चलते सरकार के संसाधनों के उपयुक्त उपयोग के लिए की गई है। अनुदान राशि के युक्तिकरण से केवल अधिक मात्रा में बिजली खपत करने वाले उपभोक्ताओं की अनुदान राशि की कम की गई है। नेता विपक्ष मुकेश अग्निहोत्री, विधायक रामलाल ठाकुर, हर्षवर्धन चौहान और लखविंद्र राणा की ओर से पूछे गए सवाल पर लिखित जवाब से ऊर्जा मंत्री ने यह स्थिति स्पष्ट की।
2500 रुपये महीना कमाने वाला बीपीएल श्रेणी में नहीं आ सकता
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