शिमला,(विजयेन्द्र दत्त गौतम)  शिक्षा विभाग ने 530 लेक्चरर और मुख्य अध्यापकों को पदोन्नत कर प्रधानाचार्य बनाया है। इनमें 241 लेक्चचर और 289 मुख्य अध्यापक शामिल हैं। प्लेसमेंट के आधार पर यह नियुक्ति की गई है। प्रधानाचार्य बन जाने के बाद इनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं होगी। मौजूदा पे स्केल पर ही इन्हें प्रधानाचार्य का कार्यभार दिया गया है। प्लेसमेंट नियमित होने के बाद इन्हें बैकडेट से वित्तीय लाभ दिया जाएगा। पदोन्नति के साथ इन्हें नए स्थानों पर तैनाती दी गई है। शिक्षा विभाग में वर्ष 2018 से पदोन्नति की प्रक्रिया रुकी हुई थी। वरिष्ठता सूची को लेकर मामला कोर्ट में विचाराधीन होने के कारण शिक्षा विभाग पदोन्नति नहीं कर पा रहा था। ऐसे में शिक्षा विभाग ने स्कूलों में अस्थायी व्यवस्था अपनाने हुए उप प्रधानाचार्य को कार्यवाहक प्रधानाचार्य का जिम्मा दिया था। पदोन्नति न होने के कारण शिक्षा विभाग में 500 से ज्यादा शिक्षक सेवानिवृत्त् हो गए हैं। पदोन्नति न होने से शिक्षा विभाग में हर श्रेणी के शिक्षकों को नुकसान हो रहा था। कार्यवाहक प्रधानाचार्य काम तो प्रधानाचार्य का कर रहे थे। लेकिन उन्हें कोई वित्तीय लाभ नहीं मिल रहा था। इसके कारण हर महीने चार से पांच हजार के करीब वित्तीय नुकसान हो रहा था। यह नुकसान वेतन के साथ सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन में भी होगा। प्रधानाचार्य न बनने के कारण अन्य श्रेणी की पदोन्नति भी नहीं हो पा रही थी। प्रधानाचार्य पद पर पदोन्नति की सूची जारी होने के बाद अब हर श्रेणी की पदोन्नति का रास्ता साफ हो गया है। जल्द ही अन्य श्रेणियों में भी पदोन्नति शुरू होगी। इसके बाद प्रमोटी लेक्चचर और टीजीटी से मुख्य अध्यापक बनाया जाएगा। इसी तरह जेबीटी से टीजीटी और टीजीटी को पदोन्नत कर लेक्चरर बनाया जाएगा।