नई दिल्ली ,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : जोधपुर मेडिकल कॉलेज में कोरोना पॉजिटिव पाए गए एक युवक को रिपीट सैंपल जांच में निगेटिव रिपोर्ट आने पर रविवार शाम घर भेज दिया गया। वहीं सोमवार देर रात आई एक जांच रिपोर्ट में उसे फिर से पॉजिटिव पाया गया। इसके बाद मंगलवार तड़के पुलिस की मदद से एक एम्बुलेंस में डालकर उसे वापस एमडीएम अस्पताल लाया गया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन अभी तक यह पता नहीं लगा पाया है कि गलती किस स्तर पर हुई? वहीं कोरोना पॉजिटिव मरीज को घर भेजने से उसके माध्यम से अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका खड़ी हो गई। इस मामले में मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने दो डॉक्टरों से जवाब तलब किया है। जानकारी के अनुसार जोधपुर शहर के एक व्यक्ति मोहम्मद शफीक को करोना पॉजिटिव पाए जाने पर एमडीएम अस्पताल में भर्ती कर इलाज किया जा रहा था। इस दौरान उसका पहला रिपीट सैंपल निगेटिव आया। लगातार दो रिपीट सैंपल जांच रिपोर्ट निगेटिव आने पर सम्बन्धित व्यक्ति को कोरोना मुक्त मानकर घर भेज दिया जाता रहा है। वहीं शनिवार को दूसरा रिपीट सैंपल भी निगेटिव आने पर रविवार शाम उसे घर भेज दिया गया। सोमवार रात आई जांच रिपोर्ट में मोहम्मद शफीक की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव देख सभी के सिर चकरा गए। सैंपल जांच से जुड़े लोगों की समझ में नहीं आया कि ऐसा कैसे हो गया। इससे जाहिर है कि शफीक के रिपीट सैंपल के स्थान पर किसी अन्य का सैंपल जांच रिपोर्ट उसके नाम से दे दी गई। शफीक को घर भेजने के बाद उसके नाम की रिपोर्ट में पॉजिटिव आने का कारण किसी को समझ नहीं आ पाया. इसके बाद आनन-फानन में आज तड़के शफीक को उसके घर से वापस लाकर भर्ती कर दिया गया। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का दावा है कि यहां से घर भेज उसे होम क्वारैंटाइन ही रका गया था। ऐसे में उससे अन्य लोगों के संक्रमित होने की आशंका कम ही है। वहीं अपने घर जाकर शफीक परिजनों के संपर्क में भी आया। ऐसे में उससे उनके भी संक्रमित होने का खतरा बढ़ गया है।
अब होगा व्यवस्था में बदलाव
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. जीएल मीणा का कहना है कि रिपीट सैंपल निगेटिव आने के बाद ही उसे घर भेजा गया था। भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं हो इसके लिए अब व्यवस्था में बदलाव किया गया है। इसके तहत अब अस्पताल से छुट्टी देत समय मरीज को सीएमएचओ को सौंपा जाएगा। ताकि वे उसे घर छोड़ कर सुनिश्चित कर सके कि मरीज कहां रहता है ताकि आवश्यकता पड़ने पर उसे वापस बुलाया जा सके। साथ ही अब प्रत्येक मरीज का अलग से रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसमें उसके सैंपल लेने वाले का नाम व समय का उल्लेख भी किया जाएगा। इससे किसी प्रकार की गफलत से बचा जा सकेगा।