चंडीगढ़,(विजयेन्द्र दत्त गौतम): न्यू कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) युवा प्रकोष्ठ के केंद्रीय अध्यक्ष विवेक हंस गरचा ने मोदी सरकार के प्रबंधन पर चिंता व्यक्त करते हुए दुरुस्तगी की दरकार पेश की है | उन्होंने कहा कि सरकार के कुप्रबंधन से दिन प्रतिदिन मरीजों की संख्या में इजाफा होता जा रहा है | गरचा ने कहा कि जब पांच सौ लोग शिकार थे तब बिना प्रबंधन के लाक डाउन कर दिया और कर्फ्यू लगा दिया और आज जब मरीजों की संख्या 42 हजार पांच सौ से भी ऊपर जा चुकी है, तब सरकार क्षेत्रीय सरकारों को अनुमति देकर शराब के ठेके भी खुलवा रही है और कार्यालय भी खुलवा कर काम करने की इजाजत दे रही है | क्या यह लोगों की जान से खिलवाड़ नहीं है | पुरे विश्व में सबसे बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था वाला तथा दुसरे स्थान पर आने वाला इटली देश, जहां की कुल जनसंख्या ही मात्र 6 हजार करोड़ है, आज कोरोना वायरस के मद्देनजर घुटने टेक चुका है | जबकि दूसरी ओर हमारा देश भारत पुरे विश्व में स्वास्थ्य सेवाओं में एक सौ बारहवें नंबर पर आता है | यहाँ कोरोना वायरस से निबटान को कोई पुख्ता इन्तेजामात नहीं किये जा रहे हैं | उन्होंने कहा कि प्रत्येक मौजूदा और पूर्व एमपी, एमएलए लाक डाउन में अपने घरों से बाहर नहीं निकल रहा है | और हास्यास्पद स्थिती यह है कि दूसरी तरफ शराब की दुकाने खोलने तक की अनुमती दी गई है, इससे साफ़ जाहिर है कि भाजपा की सरकार को लोगों कके स्वास्थ्य से कोई मतलब नहीं है | मात्र टैक्स वसूली को हथकंडे अपनाए जा रहें है | विवेक हंस गरचा ने कहा कि पश्चिमी देशों से आज सबक लेने की जरुरत है, जहां तीन – तीन महीनों के लिए निजी कंपनियों को सरकार ने टेक ओवर किया और तीन-तीन माह का खर्चा देकर उनसे सेवा ली जा रही है | उन्होंने कहा कि सरकार के पास राहत कोष में पूर्व में ही 177 करोड़ रुपया जमा पडा था, जबकि इसके अलावा सैंकड़ों धनाढ्य लोगों समेत हजारों लोगों ने अरबों खरबों रुपयों का दान इस कोरोना महामारी के निबटान को सरकार को दिया है | उन्होंने कहा कि सरकार इस हिसाब को सार्वजनिक करते हुए बताए कि यह दान की गयी राशी कहाँ खर्च की जा रही है | जबकि सेवा भी लोग कर रहें हैं, दान भी लोग कर रहे हैं और लंगर भी लोग लगा रहे हैं | हालात यह है कि इतना दान मिलने के बावजूद भी सरकार फिर से दान किए जाने के लिए कटोरा लेकर खड़ी है | उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री को ऐसे समय में जोशीले अंदाज भरे वाक्यांशों के बखान दिए जाने की जरुरत थी, जबकि लोगों की उम्मीदों के विपरीत प्रधानमंत्री आशिकों की भांती मन की बात करतें हैं | उन्होंने कहा की एनजीओ और सामाजिक कार्यकर्ताओं समेत लोग बढ़ चढ़ कर दान कर रहे हैं और गरीबों को निशुल्क भोजन मुहैया करवा रहे हैं | विवेक हंस गरचा ने बताया कि नौजवान क्रांती दल के अंतर्गत वह और उनके साथी भी सामाजिक परोपकार में जुटे हैं | उन्होंने कहा कि आज के समय में आर्थिकी से जूझ रहे लोगों के बिजली पानी के बिल और टैक्स माफ़ करने की जरुरत है | उन्होंने कहा की भाजपा सरकार जब से बनी है तबसे लोग बहुत परेशान हैं | उन्होंने कहा कि भाजपा ने सिर्फ लोगों को लाईनों में लगाकर बेफकुफ़ बनाने का काम किया है | पहले नोट बंदी से लोग अस्पतालों में मरे, फिर आधार कार्ड बनवाने, फिर उसे लिंक करवाने, उसके बाद एलपीजी लिंक करवाने को लम्बी लम्बी कतारे लगवाई गयी | उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लोगों के किस कद्र ठग रही है इसका इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है कि पहले घरेलु गैस का सिलेंडर 800 रुपये का किया गया और फिर लोगों का पैसा तीन सौ रुपये सब्सीडी के तौर पर वापिस किया जा रहा है | क्या यह सब्सीडी के नाम पर गुमराह किए जाने का खेल बंद कर पहले से ही लोगों को 500 रुपये का सिलेंडर नहीं दिया जा सकता | विवेक हंस गरचा ने कहा कि केन्द्रीय सरकार के तहत कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के निदान के लिए व्यवस्थाओं में भारी कमी दर्ज की जा रही है | उन्होंने कहा कि छोटे दुकानदारों की वितीय स्थिति पर आज मोदी सरकार और उनके मंत्री कोई विचार नहीं कर रहे हैं | विवेक हंस गरचा ने मोदी सरकार से अपील करते हुए कहा कि आमजन के हित में वितीय प्रबंधन प्रणाली को सुदृढ़ बना कर राहत दिए जाने पर कार्य करें |