प्रागी लाल जाटव सहित दो दर्जन से अधिक बसपा नेताओं ने रविवार को यहां कांग्रेस जोइन की। जाटव पहले शिवपुरी के करेरा निर्वाचन क्षेत्र से विधानसभा चुनाव लड़े थे। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ से मुलाकात के बाद नेताओं ने कांग्रेस पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। बता दें कि फिलहाल राज्य में उपचुनाव जरूरी हो गए हैं क्योंकि सिटिंग विधायकों के इस्तीफा देने के बाद सीटें खाली हो गईं। उपचुनाव सितंबर में होने की उम्मीद है।
मध्य प्रदेश में 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर भाजपा ने रणनीतिक और मैदानी तैयारी के लिए संचालन एवं प्रबंध समिति की घोषणा कर दी है। दोनों समितियों में 40 दिग्गज नेताओं को रखा गया है। प्रबंध समिति का संयोजक पूर्व मंत्री भूपेंद्र सिंह को बनाया गया है, संचालन समिति में प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का नाम भी है।
संचालन समिति में प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते व प्रहलाद पटेल के अलावा पूर्व मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा को भी लिया गया है।
इनके अलावा वरिष्ठ नेता प्रभात झा, कैलाश विजयवर्गीय, राकेश सिंह, गोपाल भार्गव, सुहास भगत, जयभान सिंह पवैया, डॉ. गौरीशंकर शेजवार, माया सिंह, यशोधरा राजे सिंधिया, अनूप मिश्रा, दीपक जोशी, रस्तम सिंह, लाल सिंह आर्य एवं नारायण सिंह कुशवाह भी मौजूद हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया के लेकर चर्चा में थी मध्य प्रदेश की राजनीति
कांग्रेस छोड़कर करीब तीन माह पहले भाजपा में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर बायो पर सवाल उठाए जाने और सिंधिया की सफाई के बाद मध्य प्रदेश की सियासत गरमा गई। सोशल मीडिया पर तेजी से यह बात वायरल हुई कि नाराजगी के चलते सिंधिया ने अपने ट्विटर बायो से भाजपा शब्द हटा दिया है।
सिंधिया 19 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में भाजपा के उम्मीदवार हैं और उसके पहले इस घटना से सिंधिया समर्थकों में उबाल आ गया है। सिंधिया के ट्विटर अकाउंट के बायो को लेकर दो दिन से सोशल मीडिया पर सूचना पोस्ट की जा रही थीं कि उन्होंने अपने बायो में से भाजपा को हटा लिया है। शनिवार को अपने एक समर्थक के ट्वीट को री-ट्वीट कर उन्होंने सफाई में कहा कि सोशल मीडिया और मीडिया में चल रही खबरें पूरी तरह से निराधार हैं। समर्थक के ट्वीट में यह भी कहा गया है कि सिंधिया ने अपने अकाउंट बायो में कोई परिवर्तन नहीं किया है। पहले जो क्रिकेट प्रेमी और जनसेवक था, वही आज भी है।