पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान ‘आपदा में भी अवसर’ पर सीएम योगी आदित्यनाथ तेजी से अमल कर रहे हैं। उत्तर प्रदेश में बड़ी संख्या में आए प्रवासी कामगार तथा श्रमिकों की स्किल मैपिंग के बाद अब उनको रोजगार देने की बारी है। इसी क्रम में सीएम योगी आदित्यनाथ करीब डेढ़ लाख प्रवासी कामगार व श्रमिकों को नौकरी का ऑफर लेटर सौंपेंगे।

स्किल मैपिंग के बाद जिनको आज आज ऑफर लेटर मिलेगा, उन सभी को गारमेंट इंडस्ट्री के साथ रियल एस्टेट सेक्टर में काम मिलेगा। कोरोना वायरस के कहर से पहले ही रियल एस्टेट सेक्टर का काम काफी मंदा पड़ा था। सरकार की ओर से तमाम रियायत मिलने के बाद अब इसमें तेजी आने की उम्मीद है।

कोरोना वायरस के संक्रमण काल में लॉकडाउन के समय विभिन्न राज्यों से प्रदेश में लौटे प्रवासी कामगार व श्रमिकों की संख्या लाखों में है। योगी आदित्यनाथ सरकार इनके हुनर के आधार पर इनको रोजगार दिलाने के लिए लगातार प्रयासरत है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपने सरकारी आवास पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंगके माध्यम से करीब डेढ़ लाख प्रवासी कामगर तथा श्रमिकों को रोजगार के ऑफर लेटर सौंपेंगे। उनको यह रोजगार एमएसएमई सेक्टर और रियल एस्टेट से प्रदान कराया जा रहा है। लखनऊ में होने वाले इस कार्यक्रम का आयोजन सूक्ष्म, लघु एवं माध्यम उद्योग और उद्यम प्रोत्साहन विभाग द्वारा करवाया जा रहा है। आज जिन-जिन प्रवासी श्रमिकों को नौकरी के लिए ऑफर लेटर दिया जाएगा उन्हेंं नोएडा के गारमेंट इंडस्ट्री और रियल एस्टेट सेक्टर में काम मिलेगा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कल कहा था कि मनरेगा के तहत प्रदेश में 57 लाख 12 हजार श्रमिकों को कार्य मिला है। यह संख्या वर्तमान में देश में सर्वाधिक है। इसके बाद उन्होंने निर्देश दिया कि सभी औद्योगिक इकाइयों का सर्वे कराते हुए इन इकाइयों में रोजगार की आवश्यकता का आंकलन किया जाए और डिमांड के अनुरूप मैन पॉवर मुहैया करवाया जाए।

मुख्यमंत्री अधिकारियों को यह निर्देश भी दे चुके हैं कि वापस लौटे श्रमिकों और कामगारों का पलायन फिर से न हो, लिहाजा सभी को उनकी योग्यता, अनुभव और क्षमता के अनुरूप प्रदेश में ही रोजगार उपलब्ध करवाया जाए। इसके लिए एक्सप्रेसवे, मेडिकल कॉलेज, यूनिवॢसटी, सड़क निर्माण, केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए हैं।

अकुशल कामगारों को रोजगार देने में अव्वल

कोरोना वायरस आपदा की विषम परिस्थितियों में भी अकुशल श्रमिकों को रोजगार मुहैया कराने के मामले में उत्तर प्रदेश अव्वल है। सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि उत्तर प्रदेश में 5712975 अकुशल कामगारों को वर्तमान में रोजगार मुहैया कराया जा रहा है। अकुशल कामगारों को रोजगार दिलाने में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 18 फीसद है।

गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न राज्यों से प्रदेश में लौटे 32 लाख प्रवासी कामगारों की सरकार ने स्किल मैपिंग कराई है। इनमें से सात लाख कुशल कामगार पाए गए हैं जबकि शेष 25 लाख अकुशल हैं। अकुशल कामगारों को रोजगार दिलाने के मामले में दूसरा स्थान राजस्थान का है। वहां 5345337 अकुशल कामगारों को रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर राजस्थान की हिस्सेदारी 17 फीसद है। तीसरे पायदान पर आंध्र प्रदेश है जो 3657857 अकुशल कामगारों को रोजगार दिला रहा है। चौथे स्थान पर पश्चिम बंगाल और पांचवें पर मध्य प्रदेश है।