कोरोना वायरस संक्रमण पर नियंत्रण होने के बाद देश के साथ प्रदेश में करीब दो वर्ष बाद होली का उल्लास अलग ही रंग में है। गोरखपुर में मुख्यमंत्री व गोरक्षपीठाधीश्वरयोगी आदित्यनाथ की अगुवाई में आज भगवान नरसिंह की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। दो वर्ष बाद निकली इस शोभायात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

गोरखपुर में पारंपरिक नरसिंह भगवान की शोभा यात्रा में पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दो वर्ष में पहली बार होली पर कोरोना नियंत्रण में है। आज हमें भी इस कार्यक्रम में व्यक्तिगत रूप से भाग लेने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने एक बार फिर राष्ट्रवाद और सुशासन की सरकार चुनी है। हम भरोसा है कि हम जनता के यकीन पर खरे उतरेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ होली को लेकर गोरखपुर के घंटाघर से पारंपरिक नरसिंह शोभा यात्रा में शामिल होने पहुंचे थे। कोरोना संक्रमण के कारण दो साल से यह शोभायात्रा नहीं निकल रही थी। विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली जीत के बाद यहां निकलने वाली यह शोभायात्रा विजय जुलूस जैसी दिख रही थी।

हर साल निकलती है शोभायात्रा: गोरखपुर में भगवान नरसिंह शोभायात्रा हर साल निकलती है। वर्ष 1996 से लेकर 2019 तक योगी आदित्यनाथ इस शोभायात्रा में शामिल होते रहे लेकिन कोरोना संक्रमण के कारण दो वर्ष से शोभायात्रा नहीं निकली। ऐसे में इस बार की शोभायात्रा को लेकर लोगों का खासा उत्साह है।

भस्म लगाने के बाद शुरू हुई होली: इसके पहले मुख्यमंत्री की होली की शुरुआत गोरखनाथ मंदिर में होलिका का भस्म लगाने के साथ शुरू हुई। मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ अन्य साधु संतों के साथ तुरही, नागफनी, मजीरा आदि वाद्ययंत्रों की ध्वनि के बीच होलिकादहन स्थल पर पहुंचे और वहां विधि-विधान से पूजन कर भस्म एकत्रित किया। यह भस्म सर्वप्रथम गुरु गोरक्षनाथ को अर्पित की गई। इसके बाद योगी कमलनाथ भस्म से गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ का तिलक किया। एक दूसरे को होलिका की राख का तिलक लगाने के बाद संत समाज मंदिर के मुख्य चबूतरे पर फाग गीतों का आनंद उठाया।

स्वयंसेवकों ने की रंगो की बौछार : गोरखनाथ मंदिर से होली की शुरुआत के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ नरसिंह शोभा यात्रा में शामिल होने के लिए घंटाघर पहुंचे। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और होलिकोत्सव समिति की ओर से आयोजित शोभायात्रा कार्यक्रम में सबसे पहले ध्वज प्रणाम और प्रार्थना हुआ। बांसुरी की मधुर धुन के बीच ध्वज चढ़ाया गया। शोभायात्रा में तुरही व नगाड़ा शामिल हुए, जिनसे अतिथियों का स्वागत हुआ। भगवान नरसिंह की महाआरती होने के बाद तुरही व नगाड़ा की आवाज भी गूंजी। इस बार शोभायात्रा में पांच ट्रालियां शामिल की गईं, जिन पर रंग घोलकर रखा गया था। हर ट्राली पर 15-20 स्वयंसेवक थे जो पिचकारियों सें लोगों पर रंगों की बौछार कर रहे थे।