उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने के साथ ही संक्रमित मरीजों की मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। ऋषिकेश एम्स में भर्ती एक 56 वर्षीय कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। वो 25 मई को वो अपनी पत्नी, बेटी और मां के साथ मुंबई से लौटे थे और उन्हें मुनिकीरेती के तपोवन स्थित एक होटल में क्वारंटाइन किया गया था। प्रदेश में गुरुवार को भी प्रदेश में 93 नए मरीज मिले हैं। इन्हें मिलाकर प्रदेश में अभी तक कोरोना के कुल 1658 मामले आ चुके हैं। हालांकि 888 लोग स्वस्थ्य भी हो चुके हैं। वहीं, राज्य में कोरोना संक्रमितों की मौत का आंकड़ा 19 हो गया है।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान(एम्स) ऋषिकेश में भर्ती एक 56 वर्षीय कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। बीती पांच जून को इस व्यक्ति की तीमारदार बेटी की रिपोर्ट भी पॉजिटिव आई थी। एम्स प्रशासन के मुताबिक मुंबई में चालक का काम करने वाला ये शख्स मूल रूप से लखवाड़ घनसाली टिहरी गढ़वाल के निवासी है। 25 मई को वो अपनी पत्नी, बेटी और मां के साथ मुंबई से लौटे थे। इन सभी को मुनिकीरेती के तपोवन स्थित एक होटल में क्वारंटाइन किया गया था। 28 मई को इस व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हुई और कफ की शिकायत हुई थी। एक जून को उन्हें एम्स की ओपीडी में लाया गया।

इनका कोविड सैंपल भी लिया गया, जिसके बाद इन्हें एम्स में भर्ती करते हुए वेंटिलेटर के सपोर्ट में रखा गया। इनकी कोविड रिपोर्ट में कुछ भी साफ नहीं हुआ। चार जून को इनका फिर सैंपल जांच के लिए भेजा गया। छह जून को इनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई, जिसके बाद इन्हें आइसीयू में भर्ती कर दिया गया। एम्स के जनसंपर्क अधिकारी हरिश मोहन थपलियाल ने बताया कि इन्हें फेफड़ों के साथ हार्ट की भी समस्या हुई। इनकी हालत निरंतर बिगड़ती गई। गुरुवार की रात उन्होंने दम तोड़ दिया। एम्स की ओर से प्रशासन को अवगत करा दिया गया है।

मुंबई से लौटे शख्स की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव 

मुंबई से लौटे गुमानीवाला ऋषिकेश निवासी एक व्यक्ति की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। 55 वर्षीय यह व्यक्ति गली नंबर 8 गुमानीवाला ऋषिकेश का रहने वाला है। नौ जून को वह मुंबई से लौटा था। इसी दिन वो एम्स की ओपीडी में आया था। सैंपल लेने के बाद इस व्यक्ति को होम क्वारंटाइन कर दिया गया। गुरुवार देर रात उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। स्वास्थ विभाग की और पुलिस इस व्यक्ति के संपर्क वाले लोगों की जांच कर रही है।

सचिवालय में कोरोना संदिग्ध, अनुभाग सील

सचिवालय स्थित विश्वकर्मा बिल्डिंग में कोरोना संक्रमित के संपर्क के पाए जाने के बाद अनुभाग को सील कर दिया गया है। सचिवालय प्रशासन ने इस अनुभाग के सभी कार्मिकों का कोरोना टेस्ट कराने के निर्देश दिए हैं। टेस्ट की रिपोर्ट आने तक की अवधि में सभी कर्मचारियों को सेल्फ क्वारंटाइन रहने के निर्देश दिए गए हैं।

प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं। सचिवालय में कैबिनेट बैठक में शिरकत करने आए कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के कोरोना पॉजिटिव आने के बाद सचिवालय में काफी अफरा-तफरी का माहौल मच गया था। अब एक और नया मामला सामने आया है। सचिवालय में तैनात एक सहायक समीक्षा अधिकारी का भाई कोरोना संक्रमित पाया गया है। यह सूचना मिलने के बाद सुबह सचिवालय में हड़कंप मच गया। एहतियातन अनुभाग अधिकारी ने सुबह ही अनुभाग बंद करा दिया। इसके बाद इसकी सूचना सचिवालय प्रशासन को दी गई।

शाम को सचिवालय प्रशासन ने इसे सील करा दिया और इस तल में सैनिटाइजेशन का कार्य कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा प्रभारी सचिव सचिवालय प्रशासन भूपाल सिंह मनराल ने भी संबंधित अनुभाग के अनुभाग अधिकारी को पत्र जारी कर कहा है कि सहायक समीक्षा अधिकारी के भाई के संक्रमित पाए जाने के दृष्टिगत अनुभाग के सभी कार्मिकों का कोरोना टेस्ट किया जाएगा। इसकी रिपोर्ट सोमवार 15 जून तक सचिवालय प्रशासन को उपलब्ध कराई जाए। रिपोर्ट आने तक अनुभाग के सभी कार्मिक सेल्फ क्वारंटाइन रहेंगे।

कोरोना संक्रमित 58 वर्षीय महिला ने तोड़ा दम

दून के पटेलनगर स्थित एक निजी अस्पताल में कोरोना संक्रमित 58 साल की महिला की मौत हो गई है। उन्हें श्वास संबंधी दिक्कत व अन्य कई स्वास्थ्य समस्याएं थीं। पुलिस उनके शव को कोविड-19 गाइडलाइन के मुताबिक सुपुर्द-ए-खाक करा दिया है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीसी रमोला ने बताया कि महिला दून के चमनपुरी निवासी थीं। उन्हें छह जून को सांस संबंधी दिक्कत की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया। गंभीर स्थिति के चलते उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया। तीन दिन पूर्व उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी। वेंटीलेटर पर होने के चलते उन्हें कोविड-हॉस्पिटल में शिफ्ट नहीं किया जा सका। गुरुवार को उनकी मौत हो गई।

अस्पतालों के दर पर ठोकरें खाती रही महिला, मौत

स्वास्थ्य व्यवस्थाएं कोरोनाकाल में कैसे दम तोड़ रही हैं, इसका एक और मामला सामने आया है। वाकया दूरदराज का नहीं, बल्कि राजधानी दून का है। एक महिला यहां इलाज के लिए एक से दूसरे अस्पताल भटकती रही। आखिरकार वक्त पर इलाज न मिलने के कारण उसने दम तोड़ दिया। ताज्जुब इस बात का है कि सरकार जहां सुरक्षित मातृत्व का दम भरते नहीं थकती, महिला की दो दिन पहले डिलिवरी तक घर में हुई, जिस कारण उसके जुड़वा बच्चों ने भी दम तोड़ दिया था। सीएमओ डॉ. बीसी रमोला ने अब मामले पर जांच बैठा दी है।

देहराखास की एक 24 वर्षीय महिला की देर शाम दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसीयू में मौत हो गई। बताया गया कि महिला को करीब चार बजे गंभीर हालत में अस्पताल लाया गया। उसे तत्काल आइसीयू में भर्ती किया गया। लेकिन उपचार के दौरान खून की कमी के चलते उसकी मौत हो गई। इससे पहले महिला कोरोनेशन, फिर गांधी अस्पताल और वहां से रेफर होकर दिन के साढ़े 11 बजे दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल आई थी। लेकिन कोरोना संदिग्ध नहीं होने पर यहां से चिकित्सकों ने उसे नॉन कोविड-हायर सेंटर के लिए रेफर कर दिया। इसके बाद दो निजी अस्पतालों का चक्कर काट महिला वापस दून पहुंची। इस बीच उसकी स्थिति ज्यादा बिगड़ गई।

मौत के बाद महिला के शव को दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। कोरोना जांच के लिए उसका सैंपल लिया गया है। सीएमओ ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में है। उसे इलाज क्यों नहीं मिल पाया और किस स्तर पर चूक हुई, इसकी जांच कराई जाएगी। लापरवाही बरतने वालों को बिल्कुल नहीं बख्शा जाएगा। उधर स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने भी इस मामले में रिपोर्ट तलब की है।