चंडीगढ़,(विजयेन्द्र दत्त गौतम) : हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बाबा साहेब डॉ. भीम राव अंबेडकर की जयंती पर लोगों को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने संविधान और देश निर्माण में बाबा साहेब के योगदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने प्रदेश सरकार से बाबा साहेब की जयंती पर दलितों, ग़रीबों और किसानों के लिए राहत के ऐलान की मांग की। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजस्थान सरकार की तर्ज़ पर हरियाणा में भी सरकार 2 महीने के लिए किसानों के बिजली बिलों के भुगतान को स्थगित कर सकती है। साथ ही, सरकार को दलितों और ग़रीबों के बिजली बिल माफ़ी का ऐलान भी करना चाहिए। क्योंकि, लॉकडाउन की वजह से सबसे ज़्यादा मार इसी तबके पर पड़ रही है।
इसके साथ, भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने देशव्यापी लॉकडाउन को 3 मई तक बढ़ाने के केंद्र सरकार के फ़ैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि लोगों को फिलहाल और संयम बरतने की ज़रूरत है। कोरोना के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इसलिए सभी लोगों को पहले से भी ज़्यादा सख़्ती से लॉकडाउन के नियमों की पालना करनी चाहिए।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान किसानों को रियायत देने की ज़रूरत है। क्योंकि किसानों को फसल कटाई, कढ़ाई और ढुलाई का काम करना है। रियायत के दौरान भी सोशल डिस्टेंसिंग से लेकर किसानों और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए तमाम एहतियात बरते जाएं। मंडी में आने वाले किसानों से लेकर वहां काम कर रहे आढ़ती और कर्मचारियों को पानी, मास्क और सेनेटाइजर उपलब्ध होने चाहिए। बीमारी से बचाव के लिए मंडी में शौचालयों की उपलब्धता और उनकी साफ-सफाई पर भी ध्यान देने की ज़रूरत है।
गेहूं की कटाई और कढ़ाई के लिए किसानों को सिर्फ़ दिन में कंबाइन चलाने की इजाज़त दी गई है। पूर्व मुख्यमंत्री का कहना है कि अगर सरकार ने ऐसा कोई आदेश दिया है तो इसे वापिस लिया जाना चाहिए। किसान को उनकी सहूलियत के मुताबिक गेहूं कढ़ाई की इजाज़त होनी चाहिए। ख़ासकर किसान दिन में गर्मी ज़्यादा होने की वजह से गेहूं कढ़ाई का काम रात को करना ही पसंद करता है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार किसानों को लगातार भंडारण करने की सलाह तो दे रही है। लेकिन, किसान के पास भंडारण के लिए ना तो जगह है और ना ही बारदाना। भंडारण करने पर किसानों को न तो नमी का फ़ायदा मिलेगा और न ही बोनस मिलेगा, जैसा कि सर्वदलीय मीटिंग में फैसला हुआ था। सरकार को फौरन बोनस का ऐलान करना चाहिए।
सरकार ने किसानों का गेहूं ख़रीदने के लिए हर 3 गांव में एक ख़रीद केंद्र बनाने का अच्छा फ़ैसला लिया है। लेकिन आढ़तियों और सरकार की तनातनी को देखते हुए किसान के मन में आशंका पैदा हो रही है कि इन केंद्रों पर किसान की फसल ख़रीद हो पाएगी या नहीं। इसलिए सरकार को चाहिए कि वो आढ़तियों से समन्वय स्थापित करे। हुड्डा ने आढ़तियों से भी सरकार और किसानों का सहयोग करने की अपील की। उन्होंने कहा कि ये वक़्त किसी जिद पर अड़ने का नहीं, बल्कि एक-दूसरे के सहयोग का है।
हुड्डा ने कहा कि सरकार उपरोक्त तमाम समस्याओं और संशयों को दूर करते हुए किसान हित में हर फ़ैसला ले। वो सुनिश्चित करे कि किसान की पूरी फसल ख़रीदी जाए और उसे न्यूनतम समर्थन मूल्य मिले।